अलीगढ़ | 500 साल पुराने अचलेश्वर मंदिर का एक हिस्सा ढहा

लगातार हुई बारिश ने जहां गर्मी से राहत दी वहीं सरकारी व्यवस्थाओं की पोल भी खोलकर रख दी है। जगह-जगह हुए जलभराव ने मुसीबत खड़ी कर दी। वहीं शहर के प्राचीन अचलेश्वर महादेव मंदिर का एक बड़ा हिस्सा बुधवार देररात ढहकर अचल सरोवर में जा गिरा।

अलीगढ़ : लगातार हुई बारिश ने जहां गर्मी से राहत दी, वहीं सरकारी व्यवस्थाओं की पोल भी खोलकर रख दी है। जगह-जगह हुए जलभराव ने मुसीबत खड़ी कर दी। वहीं, शहर के प्राचीन अचलेश्वर महादेव मंदिर का एक बड़ा हिस्सा बुधवार देररात ढहकर अचल सरोवर में जा गिरा। मंदिर 500 साल प्राचीन बताया जा रहा है। सरोवर से सटे मंदिर के पिछले हिस्से में खोदाई तो करा दी, लेकिन सपोर्ट के लिए दीवार नहीं लगाई गई। हादसे पर भड़के बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने निगम पर अनियोजित विकास का आरोप लगाकर खूब हंगामा काटा, जाम-प्रदर्शन हुआ। प्रशासनिक अधिकारियों के आश्वासन पर कार्यकर्ता शांत हुए।

बेमौसम बारिश से निचले इलाकों में पानी भरा

आमतौर पर मानसून में ही सरकारी इंतजामाें की तस्वीरें साफ होती हैं। लेकिन, इस बार मानसून से पहले ही सच्चाई सामने आ गई। बुधवार को दिनभर हुई बेमौसम बारिश से निचले इलाकों में पानी भर गया। खैर रोड जलमग्न हो गया। रामघाट रोड, गुरुद्वारा रोड, मैलरोज बाईपास आदि मार्गाें पर भी जलभराव हुआ। उधर, बारिश से अचलेश्वर मंदिर को खासा नुकसान हुआ है। रात करीब 12 बजे मंदिर का पिछला हिस्सा ढह गया। शुक्र रहा मुख्य भवन बच गया, इसी में शिवलिंग स्थापित है। वहीं, पिछले हिस्से में रखीं देवी-देवताओं की प्रतिमाएं मलवे के साथ सरोवर में गिरकर खंडित हो गईं। गुरुवार सुबह हादसे की जानकारी पर बजरंग दल के महानगर संयोजक गौरव शर्मा के नेतृत्व में तमाम कार्यकर्ता मंदिर पर पहुंच गए। नगर निगम पर निर्माण कार्य में लापरवाही का आरोप लगाकर नारेबाजी शुरू कर दी। एसीएम प्रथम, गांधीपार्क थानाध्यक्ष ने कार्यकर्ताओं को समझाने की कोशिश की, लेकिन वे निगम अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग करने लगे। तभी कोल विधायक अनिल पाराशर, विहिप के संगठन मंत्री नरेश कुमार, पूर्व मेयर शकुंतला भारती, विहिप के विभाग मंत्री भगत सिंह, विशाल देशभक्त, हर्षद हिंदू आदि पहुंच गए। महानगर संयोजक ने बताया कि निगम अधिकारियाें से संपर्क करना चाहा, लेकिन कॉल रिसीव नहीं किया। दोपहर 12 बजे सहायक नगर आयुक्त राजबहादुर सिंह पहुंचे थे। मंदिर के सेवादार हरि गोस्वामी, रजत गाेस्वामी, हिमांशु, राजू गोस्वामी ने बताया कि मंदिर के पिछले हिस्से में सीढ़ियां बनी हुई हैं। खोदाई के दौरान सीढ़ियां तोड़ दीं, लेकिन कोई सपोर्ट नहीं लगाई। बारिश से मिट्टी कटने लगी और हादसा हो गया। यहां रह रहे एक ड्राइवर का कमरा भी ढह गया। हादसे में दो परिवार बाल-बाल बचे। प्रदर्शन के दौरान बजरंग दल कार्यकर्ताओं की सहायक नगर आयुक्त से काफी गहमा-गहमी हुई। बाद में निगम के अन्य अधिकारी भी आ पहुंचे। अधिकारियों ने कहा कि पहले मुख्य भवन को सुरक्षित किया जाएगा, इसके बाद क्षतिग्रस्त हिस्से में बाउंड्री कराई जाएगी। इस आश्वासन पर कार्यकर्ता शांत हुए।

नोटिस देने तक सीमित है कार्रवाई

शहर में 79 भवन ऐसे हैं, जो जर्जर और गिरासू हालत में हैं। इन्हें बहुत पहले ही गिरा देना चाहिए था। लेकिन नगर निगम की कार्रवाई नोटिस देने तक ही सीमित है। प्रशासन द्वारा किसी भवन को गिराया नहीं गया। ऊपरकोट स्थित टनटन पाड़ा में 14 भवन हैं, जो कभी भी गिर सकते हैं। चौक बुंदू खां में भी दर्जनभर मकान गिरासू भवनों की सूची में हैं। अफसरों द्वारा तैयार सूची में ज्यादातर जर्जर भवन घनी आबादी और मुख्य बाजारों में हैं। मामू भांजा, कनवरीगंज, महावीरगंज, चूहरपुर, पत्थर बाजार आदि ऐसे प्रमुख बाजार हैं, जहां कई भवन जर्जर हैं। इन भवनों में शोरूम चल रहे हैं। कुछ में गोदाम बना रखे हैं। दिनभर यहां लोगों की आवाजाही बनी रहती है।

कब्रिस्तान में ढंस गईं कब्रें

शाहजमाल कब्रिस्तान में जलभराव के चलते कई कब्रें धंस गईं। कब्रिस्तान बक्फ कमेटी के प्रदेश सचिव मुईन मोनू ने बताया कि ईदगाह और दरगाह वाली पुलिया नीची होने से पानी भर जाता है। तीन साल पहले नगर निगम ने पुलिया बनवाने के लिए 10 लाख का प्रस्ताव पास किया था, लेकिन काम शुरू नहीं कराया। जलभराव के चलते कब्रें धंस रही हैं। पंपिंग सेट मंगवा कर पानी निकलवाया है।

अवर अभियंता पर विभागीय कार्रवाई

जलभराव से प्रभावित क्षेत्रों का निगम अधिकारियों ने निरीक्षण किया। सहायक नगर आयुक्त राज बहादुर सिंह, जीएम जल अनवर ख्वाजा समेत अन्य अधिकारी गूलर रोड, खैर रोड, तुर्कमानगेट, भुजपुरा बाईपास, रामघाट रोड, पान दरीबा आदि क्षेत्रों में पहुंचे। नगर अायुक्त प्रेम रंजन सिंह ने कहा कि छर्रा अड्डा पंपिंग स्टेशन पर खराब जेनरेटर की समय पर मरम्मत न कराने पर अवर अभियंता व आपरेटर के विरूद्ध विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

खबर मिलते ही सहायक नगर आयुक्त प्रोजेक्ट मैनेजर, अधिशासी अभियंता को मौके पर भेजा था। टीम ने निरीक्षण कर फौरी तौर पर काम शुरू करा दिया है। 15 दिन में दीवार का निर्माण करा दिया जाएगा। हादसे के पीछे लारवाही नहीं है। पिछला हिस्सा कच्चा है। पानी रिसकर नींव में चला गया होगा, जिससे मिट्टी कट गई।

अरुण कुमार गुप्त, अपर नगर आयुक्त

और नया पुराने

खबर पढ़ रहे लोग: 0