हरदुआगंज में फिर एक्टिव हुआ लखन यादव गैंग... दुकानदार को गालियां, तमंचा लहराया — पुलिस के रुख पर उठ रहे सवाल

हरदुआगंज में एक बार फिर वही नाम, वही चेहरा और वही अंदाज सामने आया - नामजद हुआ लखन यादव।

ये अहीरपाड़ा का वहीं लखन यादव है जिसे 12 दिन पहले 28 घंटे हवालात में बिठाकर एसओ ने “क्राइम रिकॉर्ड नहीं मिला” कहकर बाइज्जत छोड़ दिया था। दलालों के दखल से थानाध्यक्ष की विशेष कृपा पाया लखन यादव अब फिर से आपराधिक मूड में है — 22 जुलाई मंगलवार शाम हरदुआगंज के मोहल्ला बोहरान में किराना कारोबारी की दुकान पर हमला किया। खुलेआम गालियां बकते और धमकी देने के साथ असलाह लहराए जाने से दहशत है। वहीं लखन व उसकी तीन साथी 30 घंटे बाद भी पुलिस की पकड़ से दूर है।

किराना कारोबारी पवन की तहरीर के मुताबिक 22 जुलाई 2025, शाम लगभग 7 बजे मोहल्ला बोहरान में परचून की दुकान पर बैठा था, तभी लखन यादव अपने तीन साथियों के साथ दुकान पर पहुंचा।
आते ही मां-बहन की गालियां देनी शुरू कर दी। गली-मोहल्ले के कई लोग इकट्ठा हो गए तो हमलावर भाग निकले। लखन यादव पर असलहा लहराने का आरोप है। लखन व उसके तीन अज्ञात साथी नामजद किए गए हैं।

गौरतलब है कि जिस लखन यादव को थाना प्रभारी धीरज यादव ने क्राइम रिकार्ड न होने का हवाला देकर छोड़ दिया था। उसी लखन यादव पिछले साल गुरसिकरन में युवक की हत्या का भी दोषी है।
2024 में गांव गुरसिकरन में धर्मेंद्र ठाकुर की पड़ोसी से हुई कहासुनी में धर्मेंद्र के बुलाने पर गुरसिकरन पहुंचे लखन यादव , आदर्श ठाकुर ने मामूली कहासुनी के बीच युवक को दिनदहाड़े गोली मार दी थी। गोलीकांड से आक्रोशित ग्रामीणों ने बाइक में आग लगाने के साथ लखन व आदर्श को घेरकर पीटा था। कुछ दिन बाद गोली से घायल युवक की उपचार के दौरान मौत हो गई थी। मामले लखन यादव कई माह की जेल काटकर जमानत पर है।

2 जून को हरदुआगंज का शिवम पुत्र ग्रीश को नेहरू जूनियर स्कूल के पास घेरकर पीटने हुए बाइक छीन लो थी, जिसमें शिवम ने थाने तहरीर देने के साथ जनसुनवाई पोर्टल पर लखन, विष्णु सहित कई युवकों के विरुद्ध शिकायत दर्ज की थी।

अपराध पर अंकुश की जिद में लाइन हाजिर हुए दरोगा मनोज शर्मा
पुलिस सूत्रों की मानें तो शिवम पर हमला व बाइक लूट ले जाने की जनसुनवाई हुई शिकायत की जांच कस्बा इंचार्ज मनोज शर्मा कर रहे थे, जो लखन यादव गिरोह पर कार्रवाई चाहते थे, मगर थानाध्यक्ष ने कार्रवाई ना करते हुए आरोपियों से बाइक मंगवाकर चुपचाप लौटवा दी,
मनोज शर्मा गिरोह पर कार्रवाई चाहते थे जबकि थानाध्यक्ष आरोपियों के पक्षधर बने थे, इसी तकरार को अधिकारियों के सामने गलत ढंग से प्रस्तुत करना ही कस्बा प्रभारी को लाइन जाने की वजह बना। फिर भी मनोज शर्मा इस गिरोह पर अंकुश लगाए रहे। 22 जून को कस्बा इंचार्ज के हटते ही लखन यादव आपराधिक मूड़ में आ गया और किराना करोबारी के घर/दुकान पर हमला बोल दिया।

बाग की घेराबंदी कर पकड़े थे, थाने से छूट गए
10 जुलाई को साधुआश्रम के गांव दाऊदपुर के निकट बाग की घेराबंदी कर लखन यादव, संजू, विष्णु सहित चार युवकों को पकड़ा था, यहां तमंचे बरामद होने की चर्चा गर्म रही मगर थानाध्यक्ष धीरज यादव ने क्राइम रिकार्ड ना होने का हवाला देकर चारों को थाने से ही छोड़ दिया था।

कस्बे में जातिवाद की चर्चा, लोगों का कहना — चोर-चोर मौसेरे भाई
हरदुआगंज के थाने में थानाध्यक्ष धीरज यादव" हैं, और लखन भी "यादव
जातिगत बोन्डिंग इतनी मजबूत है कि हर गुनाह माफ है, और चर्चा यह है कि शायद जातिगत वजह है कि कार्रवाई कागज़ों से आगे नहीं बढ़ती

यह सिर्फ लोगों की धारणा नहीं रही, अब घटनाओं की श्रृंखला बन चुकी है।
पहले अपराध में राहत, फिर थाने से ‘गेट पास’, और अब खुलेआम गुंडागर्दी —
अगर यह कानून की मर्यादा है, तो मर्यादा शब्द का अर्थ शायद अब बदल गया है।
अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि लखन यादव 11 जुलाई को को“अपराधमुक्त” घोषित किया गया, जबकि उसके खिलाफ गंभीर आपराधिक मामला दर्ज था।
अब वही आरोपी सरेबाजार व्यापारियों धमकी दे रहा है..तो थाने में फिर वही स्क्रिप्ट चल रही है — “जांच जारी है।” अब जनता कुछ नहीं पूछती — अब जनता समझ चुकी है हरदुआगंज में कानून का राज नहीं, पहचान और पैठ का खेल चल रहा है।

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