उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से एक ऐसी शर्मनाक घटना सामने आई है जो न सिर्फ चोरी है, बल्कि श्रद्धा की पीठ में खंजर है।
भोलेनाथ पर जल चढ़ाने पवित्र जल लेकर आ रहे शिवभक्त की बाइक ही नहीं, उस पर रखी पूरी कांवड़ को चोरों ने उड़ा लिया।
अब ये सिर्फ चोरी नहीं, ये कांवड़ यात्रा की सुरक्षा पर वो तमाचा है जिसकी गूंज सरकार की "व्यवस्था" के कानों तक कभी नहीं पहुंचेगी।
अलीगढ़ के सासनीगेट क्षेत्र निवासी योगेश कुमार एडवोकेट ने हरदुआगंज थाने में दर्ज कराई शिकायत में बताया कि उनके भाई गौरव कुमार अपने ममेरे चाचा की बाइक (हीरो स्प्लेंडर नंबर UP-81BY-2358) पर कांवड़ लेकर रामघाट से भोलेनाथ पर जल चढ़ाने जा रहे थे। साथ में योगेश खुद भी मौजूद थे।
रास्ता लंबा था, और समय था रात का — करीब सुबह 3 बजे। जब श्रद्धा से लबालब आंखें थकान से बोझिल हुईं, तो दोनों ने रामघाट रोड हरदुआगंज थाना क्षेत्र में कलाई बंबा के निकट बाइक किनारे लगाई, कंबल बिछाया, कांवड़ को ध्यान से बाइक पर रखा और सो गए।
लेकिन उत्तर प्रदेश की सड़कों पर नींद कोई अधिकार नहीं —
नींद खुली, तो देखा बाइक और कांवड़ दोनों गायब थीं।
अब इस घटना में सिर्फ एक गाड़ी नहीं गई —
गई तो भोले की भक्ति, गई तो वो श्रद्धा जो घंटों लाइन में लगकर जल भरती है,
गया वो यकीन, जो "हर हर महादेव" के नारों में पलता है।
🛑 "क्या अब भक्त कांवड़ को भी चेन लॉक में बांधकर चलें?"
क्या यही है ‘सावन स्पेशल सुरक्षा व्यवस्था’?
क्या यही है ‘यात्रा सफल’ का सरकारी ढोल?
योगेश ने बताया कि उन्होंने आसपास घंटों खोजबीन की —
ना बाइक मिली, ना कांवड़, और ना ही पुलिस को कोई शर्म।
10 दिन बाद एफआईआर दर्ज हुई है। पुलिसिया भाषा में कहा गया है कि "जांच की जा रही है" —
यानि अब भोले की भक्ति की फाइलें टेबल के नीचे थानेदार की चाय के कप के नीचे पड़ी रहेंगी।
अब सवाल उठता है कि —
- क्या कांवड़ यात्रा में जा रहे श्रद्धालु महज “लॉजिक” से नहीं, “लॉन्च पैड” से चलें?
- क्या शिवभक्त को अब लाउडस्पीकर से नहीं, बॉडीगार्ड के साथ चलना होगा?
हर हर महादेव के जयकारों के बीच एक शिवभक्त अपनी गायब कांवड़ की रिपोर्ट लिखवा रहा है।
क्या यही है रामराज्य का भरोसा?