अलीगढ़ में नामांकन निरस्त होने पर हंगामा, डीएम की कार के आगे लेटी महिला दावेदार

ब्यूरो डेस्क, अलीगढ़

अलीगढ़: विधानसभा चुनाव के लिए जमा किए गए नामांकन पत्रों में से बीस पत्र सोमवार को निरस्त होने पर हंगामा हो गया। गुस्साए दावेदारों ने डीएम आवास पर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। रिटर्निग आफिसर पर मिलीभगत व गड़बड़ी करने का आरोप लगाया। बरौली से राष्ट्रीय क्रांति पार्टी से नामाकन करने वाली महिला दावेदार शशि सिंह राजपूत डीएम सेल्वा कुमारी जे की कार के आगे लेट गईं। करीब दो घटे तक प्रदर्शन चला। पुलिस ने इन्हें समझा-बुझाकर शांत किया। प्रशासन की तरफ से सरकारी कार्य में बाधा व महामारी अधिनियम के तहत छह नामजद सहित 80 प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।

सबसे अधिक छह नामाकन पत्र बरौली विधानसभा क्षेत्र में निरस्त हुए। इसमें राष्ट्रीय क्रांति पार्टी की शशि राजपूत, जनसत्ता पार्टी लोकतांत्रिक के प्रत्याशी हेमवंत सिंह चौहान, निर्दलीय विनीत कुमार, केशव सिंह बघेल का भी नामाकन पत्र था। दोपहर बाद प्रशासन की तरफ से नामाकन पत्रों के निरस्तीकरण की घोषणा करते ही प्रत्याशी नाराज हो गए और कलक्ट्रेट से डीएम आवास पहुंच गए। नामांकन निरस्त से संबंधी अन्य विधानसभा क्षेत्रों के दावेदार भी इनके साथ आ गए और नारेबाजी करते हुए धरना शुरू कर दिया। आरोप लगाते हुए कहा कि प्रशासन की मिलीभगत के चलते गलत तरीके से नामांकन पत्र निरस्त किए गए हैं। शिकायत करने के बाद भी कोई भी अफसर सुनने को तैयार नहीं हैं। हंगामे की जानकारी होने पर पुलिस व प्रशासनिक अफसर भी पहुंच गए। प्रत्याशियों व उनके समर्थकों को समझाते हुए लिखित में शिकायती पत्र देने की बात कही, लेकिन इसके बाद भी गुस्सा शात नही हुआ। इसी दौरान डीएम सेल्वा कुमारी जे गाड़ी लेकर आवास से धनीपुर मंडी के लिए बाहर निकलीं। यह देख शशि राजपूत और आक्रोशित हो गईं और कार्रवाई की मांग करते हुए डीएम की गाड़ी के आगे लेट गईं। महिला पुलिस कर्मियों ने इन्हें गाड़ी के आगे से हटाया। इस दौरान डीएम ने भी इन्हें समझाने का प्रयास किया, लेकिन हंगामा करने वाले सुनने को तैयार नहीं थे। डीएम ने बताया कि नामांकन पत्रों की जाच प्रेक्षक की मौजूदगी में की गई है। अगर कोई दावेदार नामाकन निरस्त होने से असंतुष्ट हैं तो वह हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखें।

कुंडल बेचकर किया था नामाकन

हंगामा करते हुए राष्ट्रीय क्रांति पार्टी की शशि राजपूत चीख-चीख कर कह रही थी कि वह गरीब है। कुंडल बेचकर नामांकन का खर्च पूरा किया है। उनके पास कोई भी संपत्ति नहीं है, लेकिन प्रशासन ने जानबूझ कर उनका नामांकन निरस्त किया है। लोकतंत्र में आम जन की आवाज दवाई गई है।

सिविल लाइन थाने में दर्ज हुआ मामला

एडीएम सिटी व उप जिला निर्वाचन अधिकारी राकेश पटेल ने बताया कि जिले में आदर्श आचार संहिता के साथ धारा144 लागू है। महामारी भी चल रही है। हंगामा कर रहे लोगों को भी इसके बारे में बताया गया, लेकिन वे लोग नहीं माने। इससे दो घटे तक सड़क बाधिक रही। प्रेक्षकों की मौजूदगी में ही नामांकन पत्रों की जाच की गई थी। पूरी प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से की गई। इस तरह सड़क पर बैठकर हंगामा करना ठीक नहीं था। यह अधिनियम में दिए गए प्रावधानों का उल्लंघन है। इस आरोप में शशि राजपूत, हेमवंत सिंह चौहान, विनीत कुमार, केशव सिंह बघेल, अनार सिंह, एक अन्य के नामजद सहित 80 अज्ञात लोगों के खिलाफ सिविल लाइंस थाने में मामला दर्ज किया गया है।

चुनाव में खुली धाधली कर रहा प्रशासन

आम आदमी पार्टी के जिलाध्यक्ष सतीश चंद्र शर्मा ने प्रशासन पर चुनाव में धाधली का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि आप के इगलास प्रत्याशी का गलत तरीके से नामाकन निरस्त हुआ है। सभी कागजात लगाए गए थे। प्रशासन नामाकन निरस्त करने का जो कारण बता रहा है, उसके लिए कोई नोटिस नहीं दिया गया। जबकि, नियमानुसार बताना चाहिए था। सीधे नामाकन निरस्त कर पत्र थमा देना गलत है। इसकी शिकायत चुनाव आयोग को भेजी जा रही है।

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