बुलंदशहर। युवती की हत्या के मामले में सियासत गरमाई, एसएसपी का दावा - लड़की का रात में पुलिस की मौजूदगी में नहीं किया गया था अंतिम संस्कार

 


ब्यूरो ललित चौधरी

एसएसपी ने आनन-फानन में अपना बयान सोशल मीडिया पर जारी करते हुए कहा किशोरी का रात में जबरन अंतिम संस्कार कराने की खबर सोशल मीडिया पर लगातार प्रसारित की जा रही है जो बिल्कुल गलत है।


यूपी में 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मिया तेज है. बुलंदशहर में 10 फरवरी को पहले चरण में मतदान होना है. चुनाव के मद्देनजर विपक्ष लगातार बीजेपी सरकार को घेरना में लगा हुआ है।


बुलंदशहर में उस समय चुनावी सरगर्मी और चरम पर पहुंच गई जब RLD नेता जयंत चौधरी द्वारा छतारी मामले का जिक्र करते हुए ट्वीट किया गया। जिसमें उन्होंने लिखा था कि एक बार फिर योगी सरकार पीड़ित परिवार के साथ ना होकर रात में दाह संस्कार करा रही है ताकि जघन्य अपराध पर प्रकाश ना डल पाए। साथ ही जयंत चौधरी ने एक प्रिंट मीडिया के अखबार का भी फोटो साथ में ट्वीट किया।


जिसके बाद बुलंदशहर पुलिस हरकत में आई और एसएसपी ने आनन-फानन में अपना बयान सोशल मीडिया पर जारी करते हुए कहा किशोरी का रात में जबरन अंतिम संस्कार कराने की खबर सोशल मीडिया पर लगातार प्रसारित की जा रही है जो बिल्कुल गलत है।


छतारी मामले पर सियासत तेज


पुलिस ने कहा कि घटना 21 जनवरी की है। थाना छतारी के घारऊ गांव के सौरव शर्मा नाम के युवक का प्रेम प्रसंग थाना डिबाई के गांव गालीपुर की एक युवती के साथ था। उस लड़की का ननिहाल धारऊं गांव में है जहां से इनके बीच प्रेम प्रसंग हुआ। 21 जनवरी को लड़के और उसके एक साथी के साथ ट्यूबवेल पर युवक ने युवती को गोली मारी और खुद भी अपने हाथों की नस और गर्दन काट ली। 


जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने युवक को इलाज के लिए अलीगढ़ भेजा। इलाज के बाद युवक ठीक हुआ तो उसको जेल भेज दिया गया था। वही एसएसपी का दावा है कि युवती के अंतिम संस्कार में पुलिस मौजूद नही थी। मृतका के परिवार के लोगों ने कर्णवास में अंतिम संस्कार किया था। पुलिस द्वारा जबरन अंतिम संस्कार करवाये जाने का दावा झूठा है।


छतारी मामले पर पुलिस ने दी सफाई


एसएसपी ने कहा कि अगर जबरन पुलिस ने अंतिम संस्कार करवाती तो फोटो या वीडियो सामने आते. अंतिम संस्कार के बाद कई तरह के अन्य आरोप परिजनों की ओर से लगाए गए, जिनकी जांच जहांगीराबाद कोतवाली पुलिस कर रही है, जांच में जो तथ्य सामने आएंगे उस पर कार्रवाई की जाएगी। 


अब तक मुख्य आरोपी समेत दो लोगों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है. वहीं पुलिस पर मनमानी का आरोप लगाकर पीड़ित पक्ष के लोगों 25 जनवरी को एसएसपी कार्यालय में धरना दिया था. पीड़ित पक्ष ने थाना छतारी प्रभारी को सस्पेंड करने की मांग की थी. पीड़ित परिवार की महिलाओं ने युवती के साथ गैंगरेप का आरोप लगाया था।


आरोप-प्रत्यारोप जारी


वही पूरे मामले पर मंत्री अनिल शर्मा का कहना है कि ये लोग झूठे हैं, सफेद झूठ बोलते है. बड़ी दुखद घटना हुई हमारी बेटी के साथ. पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की है और आरोपियों को जेल भी भेजा है. यह जो ट्वीटबाजी की जा रही है सब झूठ है. योगी की सरकार है और कोई भी अपराधी जेल जाएगा. ये जो ट्वीट कर रहे हैं ये अपराधियों के संरक्षक हैं. इनके सारे प्रत्याशी अपराधी हैं. ये सारे वो लोग हैं जो अपहरण और लूट करते हैं. मंत्री ने राजस्थान की घटना का जिक्र करते हुए कहा वहां तो कोई नही बोलता।


वही विवेचना के डिबाई थाना क्षेत्र के गांव गालिमपुर में सीओ बन्दना सिंह गांव में मौके पर पहुंची तो ग्रामीणों ने पुलिस मुर्दाबाद के भी नारे लगाए जिसके बाद अचानक उन्हें मृतका के घर से जाना पड़ा।


परिजनों और रिश्तेदारों का कहना है कि उनकी बेटी का देर रात्रि 12:00 अंतिम संस्कार करा दिया गया. हमें न्याय चाहिए आरोपियों को फांसी की सजा होनी चाहिए. 11 दिन बीत चुके हैं लेकिन आज तक पुलिस ने कोई भी कार्रवाई नहीं की है. एक आरोपी को पकड़ कर जेल भेज दिया है। वही ग्रामीणों ने एसपी देहात और सीओ की गाड़ी को घेर लिया। इसके बाद पुलिस ने कड़ी मसक्कत के बाद मृतका के परिजनों को समझाया।




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