यूपी पुलिस की करतूत, दादी की हत्या में नाबालिग पौत्रों को ही फंसाने की रच रही साजिश

रिपो० नेहा शर्मा

लखनऊ की काकोरी पुलिस बुजुर्ग राधिका की  हत्या के मामले में उनके नाबालिग पौत्रों को ही फंसाने की साजिश रच रही है। हत्या का जुर्म करने के लिए बेटे और नाबालिग पौत्रों को थाने ले जाकर पीटा।

यह आरोप लगाते हुए परिजनों ने मुख्यमंत्री और केन्द्रीय राज्यमंत्री को पत्र लिखकर मदद की गुहार लगाई है। केन्द्रीय राज्यमंत्री कौशल किशोर ने संज्ञान लेते हुए पुलिस आयुक्त को पत्र लिखकर दूसरे थाने की पुलिस से जांच की मांग की है।

जलियामऊ निवासी बुजुर्ग राधिका का शव बीते 16 जून को गांव के ही नत्थूराम के खेत में मिला था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हत्या किए जाने की पुष्टि के बाद काकोरी पुलिस अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया था। मृतका के बेटे संतराम का आरोप है कि काकोरी पुलिस ने उन्हें बेटे अमित और नाबालिग बेटे सुमित और अमित को घुरघुरी तालाब पुलिस चौकी पर बुलाया। फिर सभी को काकोरी थाने ले गए। थाने में पुलिसिर्मियों ने हत्या का जुर्म स्वीकार करने का दबाव बनाया। इंकार करने पर तीनों को पीटा गया। परिवार की एक चचेरी बहन को झूठी गवाही देने के लिए दबाव बना रही है।

केन्द्रीय मंत्री की फटकार के बाद थाने से छोड़ा 

परिजनों के मुताबिक कोकोरी थाने ले जाकर दो नाबालिग बच्चों समेत परिवार के चार सदस्यों को हत्या का जुर्म कबूलवाने के लिए पिटाई की। काफी देर बाद घर न लौटने पर परिजनों ने फोन किया पर किसी से बात नहीं हो पाई। इसके बाद परिजन केन्द्रीय राज्यमंत्री कौशल किशोर के आवास पहुंच कर काकोरी पुलिस की करतूत बताई। इस पर कौशल किशेार ने तत्कालीन इंस्पेक्टर को फोन कर फटकार लगाते हुए निष्पक्ष विवेचना कर कार्रवाई करने की बात कही। तब जाकर पुलिस ने चारों को छोड़ा।

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