31 अगस्त को उदया तिथि में करें रक्षाबंधन का त्यौहार ज्योतिषाचार्य हिमांशु शास्त्री



Desk SDlive News 

सावन पूर्णिमा तिथि दो दिन पड़ने और भद्रा के कारण इस बार रक्षाबंधन के त्योहार की तारीख को लेकर लोगों में संशय है। हालांकि रक्षाबंधन की छुट्टी 30 अगस्त को ही दर्शाई गई है। 30 अगस्त को प्रातः 10:59 बजे से पूर्णिमा आ जाएगी, लेकिन 10:59 बजे से रात्रि 9:02 बजे तक भद्रा रहेगी। 

भद्रा काल में दो त्योहार श्रावणी अर्थात रक्षाबंधन तथा फाल्गुनी अर्थात होली नहीं मनाने चाहिएं। भद्रा काल में रक्षाबंधन मनाया जाएगा, तो राजा के लिए कष्टकारी होता है और होली दहन के समय भद्रा रहेगी, तो प्रजा व गांव आदि के लिए हानिकारक होता है। 

ज्योतिषाचार्य हिमांशु शास्त्री ने बताया कि इस बार रक्षाबंधन पर्व 31 अगस्त को होगा। 31 अगस्त को प्रातः 7:06 बजे तक पूर्णिमा है उसके पश्चात प्रतिपदा आएगी। इस दिन सूर्यदेव 6:03 बजे उदय होंगे। पूर्णिमा मात्र एक घंटा तीन मिनट रहेगी। 31 अगस्त दिन गुरुवार को सूर्य उदय के बाद तीन घटी से भी अधिक है। साकल्पादिता तिथि धर्म कृत्योपयोगी रक्षाबंधन के लिए श्रेष्ठ मानी जाएगी। 

उन्होंने बताया कि 31 अगस्त को शतभिषा नक्षत्र शाम 05:45 बजे  तक रहेगा,ज्योतिषाचार्य हिमांशु शास्त्री ने बताया कि इस दिन सुकर्मा योग बन रहा है, जो बहन-भाइयों के प्रेम को बढ़ाने वाला और उत्साहवर्धक होता है। ज्योतिषाचार्य हिमांशु शास्त्री ने बताया कि 31 अगस्त को प्रातः काल 04:57 से 07:15 बजे तक सिंह लग्न रहेगा, जो स्थिर लग्न होता है, जिसमें राखी बांधना काफी शुभ है। 

दोपहर 1:30 से 3:00 बजे तक राहु काल है, उसका त्याग करना चाहिए। भद्रा काल में राखी बांधना अशुभ माना जाता है। इसके अलावा अन्य कोई भी शुभा मांगलिक कार्य भद्रा में करना वर्जित है। इससे अशुभ फल की प्राप्ति होती है। पौराणिक कथा के अनुसार भद्रा भगवान सूर्यदेव की पुत्री और शनिदेव की बहन हैं।j

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