अलीगढ़ : झूठी निकली एएमयू कैंपस में हुई लूट की घटना, पुलिस ने किया खुलासा


अलीगढ़ में एएमयू कैंपस के अंदर हुई लूट पूरी तरह से फर्जी थी। पहले से ही परिचित दोस्तों के बीच आपस में कहासुनी हुई थी और फिर हाथापाई की नौबत आ गई थी। जिसके बाद एक पक्ष ने दूसरे पक्ष के खिलाफ रविवार को थाने में लूट की तहरीर दी थी।

 एएमयू कैंपस के अंदर लूट की सूचना मिलने पर सिविल लाइंस पुलिस भी पूरी तरह से एक्टिव हो गई थी। पुलिस ने पीड़ित से बातचीत की और फिर आसपास के सीसीटीवी कैमरे भी खंगाले।

 इसके साथ ही पुलिस की सर्विलांस टीम ने भी पूरे मामले की जांच की। जिसके बाद पूरा मामला पुलिस के सामने खुलकर आ गया।

 रविवार को थाने में दी थी तहरीर 

सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के अमीर निशां निवासी अली रजा पुत्र एसएम हुसैन ने रविवार को थाने में तहरीर देकर बताया था कि उसके साथ देर रात को लूट हुई है। अली रजा ने पुलिस को बताया था कि वह शनिवार की देर रात लगभग 2:30 बजे अपने फार्म हाउस से अलीगढ़ लौट रहा था।

वह एएमयू कैंपस के अंदर से आ रहा था, तभी डक प्वाइंट के पास दूसरे पक्ष के उस्मान खान ने उसे रोक लिया और तमंचे के बल पर उससे नकदी और सोने की चेन छीन ली थी।

 इसके बाद आरोपी जान से मारने की धमकी देते हुए मौके से फरार हो गए। तहरीर में यह भी बताया गया था कि आरोपी के साथ दो अज्ञात लोग भी थे, जो घटना में शामिल थे।

 दोनों पक्षों के बीच हो रही थी बातचीत 

तहरीर मिलने के बाद पुलिस की सर्विलांस और फील्ड यूनिट की टीमें मामले की जांच में जुट गई। पुलिस ने जांच में सारे सीसीटीवी फुटेज देखे। जिसमें पता चला कि वादी और आरोपी दोनों कैंपस के अंदर खड़े होकर काफी देर तक बातचीत कर रहे थे। जिसके बाद दोनों में विवाद और हाथापाई हुई। लेकिन लूट जैसी कोई घटना नहीं हुई।

 सीओ प्रथम अभय कुमार पांडेय ने बताया कि तहरीर मिलने के बाद पुलिस जांच में जुट गई थी। जिसके बाद पाया गया कि दोनों पक्ष पहले से परिचित हैं। दोनों के बीच घटना के दिन वाद-विवाद और हाथापाई हुई थी। जिसके बाद वादी ने पुलिस को गलत सूचना दी। मामले की जांच जारी है। जांच के आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

और नया पुराने
0 पाठक खबर पढ़ रहे

نموذج الاتصال