अलीगढ़ : यूपी पुलिस के खेल निराले हैं कहीं एक ओर दरोगा रिश्वत लेता कैमरे में कैद हो जाता है तो कहीं किसी बेगुनाह को पूरी रात हवालात में रखा जाता है, बुलंदशहर में तो हद ही हो गई एक युवक की गाड़ी में तमंचा रख आरोपी ही बना डाला। इन्हीं हरकतों के बीच एक मामला और निकलकर आया है जहां एक महिला ने एक अन्य युवती के यहां पथराव कर डाला हालांकि इस महिला की एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल है जिसमे वह एक अर्धनग्न लड़के के साथ बीच रास्ते पर खड़ी होकर लड़कियों के लिए अश्लील बातें करती सुनाई दे रही है। वीडियो वायरल होने के बाद ट्विटर हैंडल पर अलीगढ़ पुलिस का ट्वीट भी आया लेकिन वह ट्वीट भी सोशल मीडिया तक ही सीमित रह गया कार्रवाई कुछ नहीं हुई। मामले को लेकर पीड़ित महिला ने 29 अगस्त को थाना देहलीगेट में लिखित तहरीर भी दी लेकिन मुकदमा दर्ज नहीं हुआ तीन तारीख को पुलिस से दुबारा पूछने पर तहरीर नहीं मिल रही जैसी दलील दी गई। बमुश्किल 3 सितंबर को मुकदमा दर्ज हो गया इसी लापरवाही के चलते आरोपी महिला ने माननीय न्यायालय द्वारा 5 लोगों को बलात्कार एससी एसटी एक्ट में आरोपी बना दिया। मजेदार बात तो यह रही कि जिन लोगों पर आरोप लगाया गया वह लोग अपने अपने कामों में व्यस्त थे मौके पर मौजूद ना होने की वजह से पीड़ित द्वारा जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत डाली तो थाना देहलीगेट के एसआई अमरनाथ द्वारा दोनो पक्षों में एक दूसरे के खिलाफ झूठी शिकायत देने की आख्या प्रेषित कर डाली। जबकि शिकायत सिर्फ एक दर्ज की गई वह भी पांच दिन बाद।
अब पीड़ित ही आरोपी बने हुए हैं और इस इंतजार में है कि कब पुलिस आए और उन्हें गिरफ्तार कर जेल में डाल दे। चूंकि पूरे मामले में पीड़ितों से पुलिस ने उनकी गैर मौजूदगी के साक्ष्य लेना जरूरी ही नहीं समझा। हालंकि पीड़ितों का कहना है कि अगर पुलिस का यही रवैया रहा तो वह पुलिस कप्तान से मिलकर थाना पुलिस की शिकायत करेंगे।