थाना हरदुआगंज क्षेत्र की निवासी एक दलित महिला ने अपने पति पर जातीय अपमान, घरेलू हिंसा और जान से मारने की धमकी का गंभीर आरोप लगाते हुए IGRS जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई है। महिला का कहना है कि वह बीते छह माह से अपनी दो वर्षीय बच्ची के साथ जान बचाकर अलग रह रही है, लेकिन आरोपी अब भी पीछा नहीं छोड़ रहा और सरेआम धमकी दे रहा है।
पीड़िता ने बताया कि वह जाटव समाज से संबंध रखती है और अत्यंत गरीब परिवार से आती है। चार वर्ष पूर्व उसकी शादी हरदुआगंज थाना क्षेत्र के ही एक गांव निवासी युवक से पारंपरिक रीति से हुई थी, शुरू में सब ठीक चला, लेकिन कुछ ही महीनों में पति का असली चेहरा सामने आने लगा।
शराब, मारपीट और जातिगत गालियाँ:
महिला का कहना है कि पति शराब पीकर घर आता और आए दिन उसके साथ मारपीट करता। इसी दौरान वह उसे बार-बार जातिसूचक शब्दों से अपमानित भी करने लगा। "तू मेरे पैर की धूल है" जैसी बातें सुनते हुए वह अपनी बच्ची के भविष्य की खातिर चुप रहती रही।
जाति छिपाकर की शादी
कुछ समय बाद पीड़िता को पता चला कि पति 'प्रजापति' जाति का है, यानी पिछड़ा वर्ग से है। जब इस बारे में उसने सवाल किया, तो पति ने न सिर्फ मारपीट की बल्कि जातिगत घृणा भी उगल दी।
दिसंबर में हत्या की कोशिश
घटना के अनुसार, बीते दिसंबर माह में पति ने उसके गले में दुपट्टा डालकर फांसी पर लटकाने की कोशिश की। किसी तरह वह अपनी जान और बच्ची को लेकर वहां से भाग निकली और छह महीने से हरदुआगंज के एक मोहल्ले में किराए पर रह रही है।
अब खुलेआम धमकी
महिला ने आरोप लगाया है कि पति अब सड़कों पर उसे रोकने की कोशिश करता है और साफ तौर पर कहता है —
“या तो मेरे घर वापस आ जा, वरना नहर में तेरी लाश मिलेगी।”
IGRS पोर्टल पर दर्ज की गई शिकायत
थक-हारकर महिला ने उत्तर प्रदेश सरकार के IGRS जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत दर्ज की है, लेकिन अभी तक उसे कोई पुलिस सुरक्षा या न्याय नहीं मिला है। वह लगातार भय के माहौल में अपनी मासूम बेटी के साथ रह रही है।
पीड़िता की गुहार
महिला ने शिकायत के माध्यम से पुलिस विभाग से अनुरोध किया है कि आरोपी के खिलाफ तत्काल कानूनी कार्रवाई की जाए और उसे तथा उसकी बेटी को सुरक्षा मुहैया कराई जाए।