मिले थे जब दो शेर...कहा था श्रीराम मंदिर ही सिर्फ है लक्ष्य, जानिए कौन हैं ये

 

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अलीगढ़ : पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के रोम-रोम में श्रीराम समाए हुए थे। इसलिए उनका चिंतन-मनन और संबोधन भी प्रभु श्रीराम मंदिर के निर्माण को लेकर हुआ करता था। भाषण की शुरुआत भी वो जयश्रीराम से किया करते थे। वैसे तो श्रीराम मंदिर आंदोलन के सूत्रधार अशोक सिंहल से उनकी तमाम मुलाकातें रहीं, मगर 1997 में सिंहल के पैतृक गांव बिजौली में श्रीराम मंदिर निर्माण एकमात्र लक्ष्य का जयघोष कर दिया था। उन्होंने कहा था कि अशोक सिंहल अथक मेहनत कर रहे हैं, इसलिए अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर बनकर ही रहेगा।

विहिप के अंतरराष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष रहे अशोक सिंघल का पैतृक गांव भी अतरौली में

विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष रहे अशोक सिंहल का पैतृक गांव अतरौली तहसील क्षेत्र में बिजौली में है। आरएसएस के प्रचारक और विहिप के वरिष्ठ नेता होने के बाद भी समय मिलने पर सिंहल बिजौली आ जाया करते थे। पांच फरवरी 1997 में बिजौली में सिंहल के पिता बैजनाथ महावीर सिंघल के नाम से सरस्वती विद्या मंदिर के नवनिॢमत भवन का लोकार्पण समारोह था। पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह इसकी अध्यक्षता कर रहे थे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तत्कालीन सर संघचालक प्रोफेसर राजेंद्र सिंह रज्जू भैया भी कार्यक्रम में मौजूद थे। अशोक सिंहल के भतीजे महाराणा प्रताप सिंहल बताते हैं कि गांव के लोगों में खूब उत्साह था, जय श्रीराम और बच्चा-बच्चा राम का, जन्मभूमि के काम का जयघोष गूंज रहा था। गांव के लोगों ने अशोक सिंहल और कल्याण सिंह को लेकर कहा था कि राम मंदिर आंदोलन के दो शेर मंच पर हैं, इस पर कल्याण सिंह गरज उठे। बोले, श्रीराम मंदिर निर्माण ही जीवन का एकमात्र लक्ष्य है। बाद में सिंहल ने कल्याण सिंह से अलग से बात की, जिसमें कहा था कि अयोध्या में श्रीराम मंदिर का निर्माण होना चाहिए। यह लाखों हिंदुओं की आस्था का विषय है। कल्याण सिंह ने मंदिर निर्माण में पूरा सहयोग का वादा किया था।

बिजौली में बनवाया अस्पताल

अशोक सिंहल के कहने पर बिजौली में 25 बेड का सामुदायिक अस्पताल बनवाया था। महाराणा प्रताप बताते हैं कि बाबूजी का उनके परिवार से इतना लगाव था कि हर मौके पर वो पत्र भेजकर समारोह में बुलाया करते थे। बाबूजी के लिखे तमाम पत्र आज भी उनके पास मौजूद हैं।

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