यूपी में 7 हजार से अधिक मदरसों में घोटाले की होगी जांच, कितने मदरसों पर आंच --- जानें योगी सरकार ने क्यों दिया यह निर्देश

 

ब्यूरो डेस्क, समाचार दर्पण लाइव

उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के 7,442 मदरसों की जांच करवाने का फैसला किया है, सरकार ने आधुनिकीकरण योजना का लाभ लेने वाले ऐसे सभी 7,442 मदरसों की जांच करने की बात कही है। कुछ ज़िलों में कागजों में चल रहे फर्जी मदरसों की शिकायत मिलने के बाद सरकार ने यह निर्णय लिया है।

योगी सरकार के मदरसा बोर्ड ने इस संबंध में जांच का आदेश जारी करते हुए कहा है कि अब प्रदेश में कुल 7442 मदरसों की जांच कराई जाएगी, इसके अलावा यह आदेश भी दिया गया है कि मदरसे में दुआ के बाद राष्ट्रगान कराना अनिवार्य होगा। 

मदरसा बोर्ड की ओर से जांच का आदेश देते हुए कहा गया है कि जो मदरसे सही पाए जाएंगे, उन्हें और सशक्त किया जाएगा। योगी सरकार ने मदरसों की जांच करवाने का आदेश गोरखनाथ मंदिर में सुरक्षाकर्मियों पर हुए हमले के बाद दिया है।

पुराना है विवाद

वैसे फर्जी मदरसों वाला विवाद काफी पुराना है. इसकी शुरुआत तो सपा सरकार के दौरान साल 2013 में तब हो गई थी जब राज्य में कुल 118 फर्जी मदरसे मिल गए थे, तब सबसे ज्यादा फर्जी मदरसे मेरठ से सामने आए थे। 

अब इस बार राज्य सरकार को अमरोहा, गोंडा और कुशीनगर को लेकर ऐसी ही शिकायतें मिली हैं, ऐसे में सभी मदरसों की विस्तृत जांच करवाई जा रही है। इस सब के अलावा मदरसों में शिक्षा की कैसी गुणवक्ता चल रही है, इसकी जांच के लिए भी विशेष पैनल बनाया जाएगा।

यूपी में अब मदरसा शिक्षा का सिलेबर न्यू एजुकेशन पॉलिसी के आधार पर करेंगे - मंत्री धर्मपाल सिंह 

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पशुधन और दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने ये बातें इंडियन वेटरनरी सिसर्च इंस्टीट्यूट (आईवीआरआई) में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहीं। 2022 विधानसभा चुनाव में आंवला सीट से जीत हासिल करने वाले धर्मपाल सिंह ने कहा कि यूपी में अब मदरसा शिक्षा का सिलेबर न्यू एजुकेशन पॉलिसी के आधार पर होगा। 

योगी सरकार के मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि मदरसा भारत में शिक्षा व्यवस्था का अभिन्न हिस्सा हैं। इसकी पहली वजह यह है कि ऐतिहासिक रूप से मुस्लिम आबादी अनुपातिक रूप से शिक्षा में पिछड़ी रही है। ये संस्थान आर्थिक चुनौती का सामना कर रहे हैं और रिफॉर्म्स की जरूरत है। 

मंत्री धर्मपाल सिंह ने आगे कहा, ''पाठ्यक्रम में वैज्ञानिक और धर्मनिरपेक्ष विषयों का अभाव है और स्नातक करने के बाद रोजगार पाना कठिन होता है।'' मंत्री ने यह भी कहा कि वक्फ की संपत्तियों से अवैध कब्जों को हटाया जाएगा ताकि इनका प्रयोग अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए हो।

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