बुलंदशहर। मन्दिर के पुजारी ने दलित बच्चे को जमीन पर पटका और गिरा कर लातों से पीटा

 

रिपो० रीशू कुमार

शिकारपुर। पहासू थाने के कस्बा पहासू में बने माता रानी के मठ मन्दिर की है जहां मन्दिर में रोज शाम को आरती होती है और सभी श्रद्धालु मन्दिर में आरती में शामिल होने के लिए जाते हैं वही एक गरीब दलित का बेटा मन्दिर पर आरती में शामिल होने के लिए जाता है तो मन्दिर के पुजारी के द्वारा आरती लेने के ऊपर ही उसके साथ दुर्व्यवहार किया जाता है जबकि बच्चे तो भगवान का रूप होते हैं लेकिन शायद मन्दिर के पुजारी यह बात तो भूल गए, लेकिन दलित की वजह से उस बच्चे को काफी लोगों के सामने जमीन पर उठा कर पटक दिया और फिर लात मार-मार कर पीटना शुरू कर दिया। 

पुजारी का पिटाई का वीडियो सीसीटीवी में कैद हो गया जब एक व्यक्ति ने उसे बचाने की कोशिश की तो उस व्यक्ति के साथ भी मन्दिर के लोगों ने मारपीट कर डाली। मन्दिर के पुजारी ने 10 से 11 साल के दलित बच्चे के ऊपर झूठा आरोप लगा दिया कि यह मन्दिर की आरती की थाली में से पैसे चुरा रहा था लेकिन सबसे बड़ा सवाल पहासू पुलिस के ऊपर आता है की पहासू पुलिस ने बिना सोचे समझे ही जो व्यक्ति उस बच्चे को बचा रहा था उसी व्यक्ति का शान्तिभंग के आरोप में चालन कर दिया और एक तरफा कार्रवाई की आखिर आज भी दलितों पर मन्दिर में पूजा करने पर विरोध क्यों किया जाता है। 

आखिरकार मन्दिरों के ऊपर भी जातिवाद करने वाले पुजारियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं होती है जबकि भगवान की नजर में सब एक समान है लेकिन इंसान ने जातिवाद के चक्कर में मन्दिरों पर भी भेदभाव कर डाला जब मासूम बच्चे से पूछा गया तो मासूम बच्ची ने बताया में तो सिर्फ आरती ले रहा था इसी बात पर मन्दिर के पुजारी ने मुझे बहुत मारा है और मेरे पसलियों में भी दर्द हो रहा है और मेरे दांत भी टूट गए हैं जब बच्चे की दादी से बातें की गई तो दादी ने बताया सिर्फ हम गरीब हैं और दलित हैं इसलिए मेरे नाती के साथ मन्दिर के पुजारी के द्वारा मारपीट की गई है और मेरे नाती के ऊपर ही झूठा इल्जाम लगा दिया कि वह मन्दिर की थाली में से पैसे चुरा रहा था। 

उधर बच्चे की मां ने भी रोते हुए हैं बिलखते हुए कहां है कि आज हम गरीब हैं हमारा कोई सहारा नहीं है इसलिए हमारे बेटे को मन्दिर में आरती लेने के ऊपर बहुत मारा गया है मेरे बेटे ने दर्द की वजह से खाना तक नहीं खाया है और सीने की फसलियों में काफी चोट है और मुंह के दांत भी टूट चुके हैं जहां एक तरफ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री सभी जनता को समान अधिकार देने की बात कर रहे हैं लेकिन मन्दिरों में दलितों के ऊपर अत्याचार किया जा रहा है आखिर पुलिस ने जो बच्चे को बचाने आया था व्यक्ति उसके खिलाफ ही कार्रवाई कर डाली लेकिन आरोपी पुजारी के खिलाफ अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। 

बच्चे को बचाने वाले के भाई हेमंत उर्फ बंटी राजपूत ने बुलन्दशहर एसएसपी कार्यालय पहुंच कर एसएसपी से न्याय की गुहार लगाई है और पहासू पुलिस की कार्रवाई पर सवालिया निशान उठाए हैं अब देखना यह होगा कि बुलन्दशहर के एसएसपी संतोष कुमार सिंह, क्या कार्रवाई करते हैं पीड़ित को और दलित मासूम बच्चे को न्याय कब तक मिलेगा यह अपने आप में एक बड़ा सवाल है।

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