हरदुआगंज | एक मुकदमा सात विवेचक तीन साल बाद भी नहीं भेज सके चार्जशीट, कोर्ट ने विवेचक को थमाया नोटिस

 

डेस्क, समाचार दर्पण लाइव

साधू आश्रम स्थित संस्कृत विद्यालय में तीन साल पूर्व शिक्षकों ने बाहरी लोगों संग जलसा कराकर अवैध धन उगाही के मामले में सात विवेचक बदलने के बाद भी चार्जशीट दाखिल न होने पर कोर्ट ने सख्त रूख अपनाते हुए विवेचक को case diary सहित तलब किया। 

स्‍थापना दिवस पर हुआ था आयोजन : हरदुआगंज में स्थित श्री सर्वदानंद साधु आश्रम के 109वें स्थापना दिवस पर वर्ष 2019 में प्रबंध समिति की सहमति के बिना शिक्षकों ने बाहरी लोगों के संग मिलकर जलसे का आयोजन कराया था। जिसमें रसीदें काटकर लाखों रुपये की अवैध धन उगाही की गई थी। जिस पर साधूआश्रम के संरक्षक एड. महान प्रताप सिंह ने संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य जीवन सिंह यादव, शिक्षक टीकमसिंह, निन्नामी सिंह, बाहरी अभय चौहान, नारायण सिंह, भूपेंद्र सिंह, बच्चू सिंह, भूप सिंह सहित 16 नामजद व 12 अज्ञातों के विरूद्ध मुकदमा दर्ज कराया था।

वादी को नोटिस थमाकर मांगे साक्ष्य : मुकदमे के वादी एडवोकेट महानप्रताप सिंह के मुताबिक मामले में सातवें विवेचक प्रवीन कुमार यादव ने बीते माह नोटिस भेजकर जलसे में प्रयोग रसीद बुक आदि साक्ष्य मांगे थे। जबकि उक्त साक्ष्य पूर्व विवेचक प्राप्त कर चुके हैं, जिसकी कापी उनके पास है। इसकी अर्जी न्यायालय में देने पर विवेचक को केस डायरी सहित तलब किया गया है। हालांकि तीन नोटिस मिलने के बाद भी विवेचक कोर्ट में हाजिर नहीं हुए है। अब हाजिर होने को 16 अगस्त नियत है।

ये दारोगा रहे मुकदमे में विवेचक : मुकदमें में वादी एड. महानप्रताप सिंह के मुताबिक मामले में प्रथम विवेचक दारोगा अरविंद कुमार रहे, जिन्होंने आयोजक शिक्षकों के पास से अवैध रसीदबुक बरामद की थीं। दूसरे विवेचक दारोगा महेश कुमार रहे, जिन्होंने वादी एवं संस्था के प्रधान रमेश चंद्र आर्य व प्रबंधक विष्णु गोपाल के बयान दर्ज कर साक्ष्य संकलित किए थे। तीसरे विवेचक दारोगा सचिन कुमार रहे, जिन्होंने चिटफंड कार्यालय आगरा के दस्तावेज प्राप्त कर प्रबंधक विष्णु गोपाल की रजिस्टर्ड प्रबंध समिति को वैद्य होने की पुष्टि की। चौथे विवेचक दारोगा निर्मल कुमार रहे, जिस पर विवेचना में लापरवाही का आरोप लगने पर उन्हें कोर्ट ने तलब किया था।पांचवें विवेचक दारोगा नारायण दत्त तिवारी बने जिन्होंने वादी पक्ष के पुन: बयान दर्ज कर साक्ष्य एकत्रित किया।

छठवें विवेचक जितेंद्र कुमार यादव रहे, उन पर अभियुक्तों से मिलीभगत के आरोप लगे। अब वर्तमान में सातवें विवेचक प्रवीन कुमार यादव है, जिन्हें कोर्ट ने तलब किया है।

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