गैंगरेप और अपहरण की धारा हटाना विवेचक को भारी पड़ गया. एसीपी की रिपोर्ट के आधार पर डीसीपी सिटी ने विवेचक एसआई शिव मंगल सिंह को निलंबित कर दिया. एसओ ट्रांसयमुना के खिलाफ भी पुलिस आयुक्त को रिपोर्ट दी है. केस डायरी एसओ ने अग्रसारित की थी. इसका मतलब है कि वह दरोगा द्वारा की गई विवेचना से सहमत थे.
ट्रांसयमुना क्षेत्र निवासी एक युवती 17 जून 20 को लापता हुई थी. 12 जुलाई को उसकी मां ने ट्रांसयमुना थाने में कोचिंग संचालक सहित तीन लोगों के खिलाफ धारा 366 के तहत मुकदमा लिखाया. मुकदमा दर्ज होने के तीन दिन बाद युवती घर लौट आई. उसने जो कहानी अपने परिजनों को बताई उसे सुनकर घरवाले हैरान रह गए. उन्होंने बेटी के 164 के बयान दर्ज कराने के लिए कहा. पुलिस 164 के बयान दर्ज नहीं करा रही थी. शिकायतों के बाद विवेचक एसआई शिव मंगल ने 4 सितंबर को युवती के 164 के बयान दर्ज कराए. पांच सितंबर को बयानों का अवलोकन किया. मुकदमे में 376 डी की धारा बढ़ाई. एक आरोपित का नाम भी बढ़ाया. नया साक्ष्य संकलित किए बिना छह को चार्जशीट एसीपी छत्ता की पेशी में भेजी. मुकदमे से अपहरण और गैंगरेप की धारा हटा दी गई. चार्जशीट जानलेवा हमला और गाली-गलौज की धारा में लगाई गई. दरोगा ने तर्क दिया कि युवक-युवती में झगड़ा हुआ था. यह घटनाक्रम पुराना था. धारा हटाने के पीछे विवेचक के पास कोई ठोस साक्ष्य और आधार नहीं था.
एसीपी छत्ता आरके सिंह ने विवेचक और एसओ के खिलाफ डीसीपी सिटी को रिपोर्ट दी थी. इस आधार पर को डीसीपी सिटी सूरज कुमार राय ने विवेचक शिव मंगल को निलंबित कर दिया. थानाध्यक्ष के खिलाफ भी लिखा है. यह रिपोर्ट पुलिस आयुक्त को भेजी गई है. दोनों की प्रारंभिक जांच के आदेश दिए गए हैं.