अलीगढ़ के हरदुआगंज में कानून से बड़ा ‘गुंडाराज’: छेड़खानी के आरोपियों को पुलिस ने थाने से छोड़ा, बच्चियां स्कूल छोड़ने पर मजबूर — मां का छलका दर्द



2013 में भी गायब हुई थी 11 साल की बेटी, आज तक नहीं मिला सुराग — अब फिर दो बेटियों को उठाने की कोशिश, महिला ने इन्हीं आरोपियों पर जताया है शक

अलीगढ़ (हरदुआगंज) — अलीगढ़ के हरदुआगंज थाना क्षेत्र के एक गांव में इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है। गांव निवासी एक पीड़ित मां ने आरोप लगाया है कि उसकी नाबालिग बेटियों से रमेश उर्फ छोटू और रविन्द्र उर्फ नेहना द्वारा लगातार छेड़छाड़ की जा रही थी, जिसकी शिकायत थाने में करने के बावजूद हरदुआगंज पुलिस ने न केवल आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं की बल्कि थाने से ही उन्हें छोड़ दिया।

मां की गुहार ना सुनने पर मजबूर होकर जब पुलिस कप्तान से शिकायत की गई, तब जाकर कप्तान के आदेश पर पूरे 17 दिन बाद शुक्रवार देररात मुकदमा दर्ज हुआ। तब तक आरोपी खुलेआम गांव में घूमते रहे और पीड़ित परिवार को धमकाते रहे।

पीड़िता का कहना है कि उसकी बेटियां स्कूल से लौट रही थीं, तभी दोनों आरोपियों ने तमंचा लहराकर बेटियों के साथ अभद्रता की और जबरन उठाने की कोशिश की। बच्चियों के शोर मचाने पर बीमार पिता और मां ने मौके पर पहुंचकर उन्हें बचाया। आरोपी जान से मारने की धमकी देकर मौके से फरार हो गए।

2013 की पीड़ा अब भी जिंदा: महिला ने सनसनीखेज खुलासा करते हुए बताया कि वर्ष 2013 में उसकी 11 वर्षीय बेटी भी अचानक लापता हो गई थी और आज तक कोई सुराग नहीं मिला। उसका आरोप है कि उस घटना के पीछे भी यही दोनों आरोपी थे, लेकिन पुलिस ने कभी जांच को गंभीरता से नहीं लिया।

पुलिस पर संगीन आरोप: महिला ने थाना प्रभारी पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। तहरीर में कहा गया है कि थाना प्रभारी ने पहले चौकी से पुलिस भेजकर आरोपियों को पकड़ा, लेकिन महज एक घंटे बाद उन्हें छोड़ दिया।

बेटियों ने छोड़ा स्कूल जाना: गुंडों के खौफ और पुलिस की बेरुखी के चलते बच्चियां इतनी दहशत में हैं कि उन्होंने स्कूल जाना बंद कर दिया है। उनका कहना है — "पुलिस अंकल ने हमारी मदद नहीं की, अब ये गुंडे हमें मार देंगे।"

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