उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में एक किसान के साथ ऐसा वाकया हुआ, जिसने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया। सादाबाद तहसील क्षेत्र के नगला दुर्जिया गांव निवासी किसान अजीत सिंह के बैंक खाते में अचानक अरबों नहीं, बल्कि नील से अधिक की रकम दिखाई देने लगी। यह देखकर न केवल अजीत सिंह के होश उड़ गए, बल्कि पूरे गांव में यह घटना चर्चा का विषय बन गई। किसान अजीत सिंह अरबपति नहीं बल्कि नीलपति बन गया।
1800 रूपये कटने के अगले दिन बना 'नीलपति'
पेशे से किसान अजीत सिंह का कहना है कि 24 अप्रैल को उनके एयरटेल पेमेंट बैंक खाते से ₹1800 बिना किसी अनुमति के कट गए थे। वह इस कटौती से परेशान थे और सोच रहे थे कि यह रकम कैसे अकाउंट से निकल गई। लेकिन अगली ही सुबह, 25 अप्रैल को जब उन्होंने अपना खाता चेक किया, तो उनकी आंखें फटी की फटी रह गईं। खाते में दिख रही रकम को देख वह इकाई दहाई सैकड़ा हजार गिनने लगे। अजीत सिंह के अकाउंट में अचानक 10 नील 1 खरब 35 अरब 60 करोड़ 13 लाख 95 हजार रुपये से अधिक राशि दिखने लगा।
यह इतनी बड़ी रकम है कि आम तौर पर सरकारी बजट में भी इतना आंकड़ा देखने को नहीं मिलता। अजीत को तुरंत शक हुआ कि यह किसी साइबर अपराध की साजिश हो सकती है। उन्होंने बिना देर किए मई पुलिस चौकी और सादाबाद कोतवाली में इसकी शिकायत दर्ज कराई।
खाते को कराया गया फ्रीज, साइबर सेल में भी दी गई शिकायत
अजीत सिंह ने मामले की गंभीरता को समझते हुए न केवल स्थानीय पुलिस को सूचना दी बल्कि एयरटेल पेमेंट बैंक के कस्टमर केयर पर भी शिकायत दर्ज कराई। बैंक की ओर से खाते को तत्काल प्रभाव से फ्रीज कर दिया गया ताकि कोई लेन-देन न हो सके।
इसके साथ ही अजीत ने साइबर सेल में भी ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई है। उनका मानना है कि यह रकम किसी साइबर अपराधी की साजिश के तहत जानबूझकर उनके खाते में ट्रांसफर की गई हो सकती है, ताकि बाद में उन्हें किसी कानूनी पचड़े में फंसाया जा सके।
बैंक और पुलिस कर रहे जांच, टेक्निकल गड़बड़ी की आशंका
इस मामले में अब तक जो जानकारी सामने आई है, उसके अनुसार यह भी संभव है कि एयरटेल पेमेंट बैंक में कोई तकनीकी गड़बड़ी हुई हो, जिसकी वजह से इतने भारी-भरकम रकम का बैलेंस खाते में शो हो रहा हो। एयरटेल पेमेंट बैंक की ओर से भी बयान आया है कि यह संभवतः एक टेक्निकल इश्यू है, और इसकी जांच की जा रही है ताकि भविष्य में किसी अन्य उपभोक्ता को ऐसी परेशानी न झेलनी पड़े।
क्षेत्र में बना चर्चा का विषय
इस अभूतपूर्व घटना ने गांव और आसपास के इलाके में सनसनी फैला दी है। लोग इसे लेकर तरह-तरह की अटकलें लगा रहे हैं—कोई इसे साइबर ठगी बता रहा है तो कोई तकनीकी चूक। लेकिन सबसे बड़ी चिंता यह है कि अगर वास्तव में यह कोई साइबर क्राइम है, तो इसका शिकार कोई भी बन सकता है। अजीत सिंह की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई के चलते यह मामला समय रहते सामने आ गया और संभावित बड़ी धोखाधड़ी टल गई। अब पुलिस, साइबर सेल और बैंक की संयुक्त जांच के बाद ही यह स्पष्ट हो सकेगा कि यह अरबों की रकम कैसे और क्यों उनके खाते में दिखी।