अलीगढ़ के हरदुआगंज में सोमवार की रात एक ऐसा मंजर सामने आया जिसने रिश्तों की सारी सीमाएं तोड़ दीं। रहसूपुर गांव में रहने वाले एक युवक ने अपने ही ममेरे भाई को पहले गोली मारी, फिर फरसे से काट डाला। वजह — शक। पत्नी पर शक, और यह डर कि कहीं भाई दुश्मनों से मिलकर उसकी जान न ले ले।
पुलिस के मुताबिक, आरोपी का नाम बंटी है — बुलंदशहर के पहासू इलाके के कसूमी गांव का रहने वाला। बंटी वही शख्स है जो साल 2010 में अपने ही गांव में हुई हत्या के केस में जेल गया था। चौदह साल सजा काटकर 2022 में बाहर आया और गांव की पुरानी रंजिशों से बचने के लिए अपनी ससुराल रहसूपुर में आकर बस गया। यहां उसने ससुर के घर के पास दो मंजिला मकान बना लिया था। पत्नी कमलेश और दो बेटियों के साथ उसकी ज़िंदगी अब जैसे पटरी पर लौटती दिख रही थी — लेकिन अंदर ही अंदर शक का ज़हर पल रहा था।
बंटी को अपने ममेरे भाई देवू (32) पर शक था — कि वह उसकी पत्नी पर गलत नज़र रखता है। कई बार मना किया, डांटा-फटकारा, लेकिन देवू नशे की हालत में फिर भी आता-जाता रहा। इतना ही नहीं, कभी-कभी वह अजनबी लोगों को भी साथ लाता था। बंटी को लगने लगा कि यह सब किसी बड़ी साजिश की तैयारी है — शायद उसके पुराने दुश्मनों से मिलीभगत।
और फिर आई वो रात।
6 अक्टूबर की रात, लगभग ढाई बजे, जब घर में सब सो रहे थे — बंटी और देवू ऊपर वाली मंजिल पर थे, जबकि कमलेश नीचे बेटियों के साथ सो रही थी। तभी बंटी ने अपनी बंदूक उठाई, देवू की कमर में गोली दाग दी। देवू चारपाई पर गिरा तो बंटी ने फरसा उठाया और गर्दन पर ताबड़तोड़ वार कर दिए।
चीख सुनकर जब तक नीचे वाले ऊपर पहुंचे, देवू का शरीर खून में लथपथ पड़ा था।
सूचना पर एसपी ग्रामीण अमृत जैन और सीओ अतरौली राजीव द्विवेदी मौके पर पहुंचे। फील्ड यूनिट ने साक्ष्य जुटाए, क्राइम सीन को सील किया और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।
पुलिस अब बंटी से पूछताछ में जुटी है — लेकिन गांव में सवाल गूंज रहा है कि क्या शक सचमुच इतना बड़ा हो सकता है कि कोई अपने ही खून का गला काट दे?