बुलंदशहर। बेटी की गवाही पर पिता को हुई उम्रकैद की सजा, जानिए क्या था पूरा मामला

ब्यूरो ललित चौधरी

बुलंदशहर। फावड़े से ताबड़तोड़ प्रहार कर पत्नी की हत्या करने वाले पति को अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। अतिरिक्त जिला न्यायाधीश ने कहा कि अभियुक्त मनोज कुमार ने अपनी 13 साल की बेटी के सामने जिस तरह से पत्नी की हत्या की, वह दर्शाता है कि उसने परिवार के विश्वास की हत्या की है। मां के सबसे करीब बच्ची ही होती है। उसी के सामने हत्या की वारदात को अंजाम देना जघन्य अपराध की श्रेणी में आता है। 

सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी चंद्रभान सिंह ने बताया कि 14 अक्टूबर 2016 में स्याना क्षेत्र के गांव हरवानपुर में महिला ममता की उसके पति मनोज कुमार ने फावड़े से ताबड़तोड़ प्रहार कर हत्या कर दी थी। मामले में पीड़ित महेंद्र सिंह उर्फ मामचंद्र ने कोतवाली स्याना में तहरीर देकर रिपोर्ट दर्ज कराई जिसमें उन्होंने बताया कि शादी के बाद से ही आरोपी ससुरालीजन उनकी पुत्री का उत्पीड़न कर रहे थे। कोतवाली पुलिस ने जांच कर आरोपी मनोज के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी।

बेटी ने कहा, मेरे सामने ही हुई हत्या

हत्या की एकमात्र चश्मदीद बेटी प्राची थी। उस वक्त उसकी उम्र 13 वर्ष की थी। बेटी प्राची की गवाही पर ही अन्य आरोपियों को पुलिस ने क्लीनचिट दे दी थी। उसने बताया था कि उसके पिता ने उसके सामने ही मां की हत्या की। अन्य परिजनों का उसमें कोई हाथ नहीं था। इसके बाद पुलिस ने केवल मनोज के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की थी। अदालत में भी प्राची की गवाही ही अहम साबित हुई।

इस मामले की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश-12 विनीता विमल के न्यायालय में हुई। न्यायधीश ने गवाहों के बयान, साक्ष्यों का अवलोकन और दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की दलीलों को सुनकर आरोपी पति मनोज को पत्नी की हत्या का दोषी पाया। न्यायधीश ने अभियुक्त पति को उम्रकैद और 10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।



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