अलीगढ़: ज्ञानवापी मस्जिद के मामले में आया एएमयू के पूर्व प्रोफेसर का बयान

ब्यूरो चीफ, अलीगढ़

वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग नुमा पत्थर निकलने के बाद देश भर में राजनीति गरमा गई है। पत्थर मिलने के बाद हिन्दू धर्म के लोगों का कहना है कि वहां शिवलिंग है वहीं मुस्लिम समुदाय ने उस पत्थर को फब्बारे होने का दावा कर रहे है। पत्थर मिलने के बाद अब सियासत गरमा गई है।

वहीं इस मामले पर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रोफेसर और मुफ़्ती जाहिद खान का बड़ा बयान इस वक़्त चर्चाओ में है। उनका कहना है औरंगजेब के शासनकाल में एक हिंदू राजा औरंगजेब के साथ वहां गए हुए थे, उन्होंने वहां गंगा स्नान किया और कहा कि हम मूर्ति के दर्शन करना चाहते हैं, उस दौरान अकबर के जमाने मे राजा टोडरमल फाइनेंस मिनिस्टर थे और राजा मानसिंह चीफ आर्मी ऑफिसर व डिफेंस मिनिस्टर थे, उस दौरान सरकारी खजाने से वहां मंदिर को बनाया गया था, तो उसी दौरान जब औरंगजेब व एक हिंदू राजा वहां गंगा स्नान के बाद दर्शन करना चाहते थे तब वहां से एक रानी गायब पाई गई, वही जब रानी को तलाशा गया तो रानी नग्न अवस्था मे तैखाने में मिली और उनके साथ दुष्कर्म हुआ था, लिहाजा उस दौरान हिन्दू राजा ने कहा कि रानी के दुष्कर्म के बाद ये जगह अपवित्र हो गयी है और इस जगह को ढहा दिया जाए, उसी दौरान सहमति से उस मंदिर को ढहा दिया गया था। 

हालांकि वहां की जो मूर्तिया थी वो वहीं इधर की उधर कर दी गयी थी, आगे उन्होंने कहा है यह संदेश देश के लिए अच्छा नहीं है, जनता की तमाम मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए यह सब कुछ किया जा रहा है।

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