अलीगढ़ | दुष्कर्म के आरोपी सिपाही को सात साल की सजा

 

निखिल शर्मा

अलीगढ़ : एडीजे फास्ट ट्रैक प्रथम अनुपम सिंह की अदालत ने देहलीगेट थाना क्षेत्र में 20 साल पहले किशोरी से दुष्कर्म के मामले में एक सिपाही को सात साल कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 35 हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया है।

यह है मामला

एडीजीसी कुलदीप तोमर के मुताबिक, देहलीगेट थाना क्षेत्र के एक इलाके में रहने वाले व्यक्ति ने 31 अक्टूबर 2002 को मुकदमा कराया था। इसमें कहा था कि उनकी 15 वर्षीय बेटी को उस समय देहलीगेट थाने में तैनात रहा सिपाही शशीकांत बहला-फुसलाकर ले गया है। दो लोगों ने उसे किशोरी को ले जाते हुए देखा था। बेटी साथ में एक थैला ले गई थी, जिसमें 25 हजार रुपये व जेवरात रखे थे। अगली सुबह शशीकांत ने ही पीड़ित के घर आकर जेवरात लौटाए और किशोरी के बारे में बताया। इस आधार पर पुलिस ने सिपाही के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया।

साक्ष्‍यों के आधार पर सुनाई सजा

बाद में किशोरी ने बयानों में दुष्कर्म की बात बताई थी। इस आधार पर मुकदमे में दुष्कर्म की धारा बढ़ाई गई। एडीजीसी ने बताया कि सिपाही का एक दोस्त पीड़िता के घर में किराए पर रहता था। इसीलिए उसका वहां आना-जाना था। जहां उसका किशोरी से संपर्क हुआ। फिलहाल सिपाही शशीकांत रामपुर में तैनात है। इस मामले में कुल नौ गवाह कराए गए। अदालत ने गवाहों व साक्ष्यों के आधार पर शशीकांत को सजा सुनाई है।

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