अलीगढ़ः थाने में हेकड़ी दिखाना पड़ा महंगा, पुलिस से मारपीट करने वाले बीजेपी नेता पर दर्ज हुआ केस

डेस्क, समाचार दर्पण लाइव

अलीगढ़ : मारपीट के मुकदमे में अंतिम रिपोर्ट लगवाने की सिफारिश लेकर शनिवार को कोतवाली पहुंचे भाजपा महानगर मंत्री संजू बजाज, पार्षद सूरज माहौर आदि का विवेचक दरोगा से विवाद हो गया। दरोगा द्वारा बात न मानने पर भाजपाई इतने बिफर गए कि उस पर हमलावर हो गए और गाली गलौज कर दी।

दरोगा ने किसी तरह भागते हुए मुंशियाने में घुसकर खुद को बचाया। अन्य स्टाफ ने भाजपाइयों को रोका। भाजपाई दरोगा को बाहर निकलने पर देख लेने की धमकी देते हुए चले गए। मामले में भाजपा नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। दूसरी ओर आरोपी भाजपा नेताओं का कहना है कि अभद्रता की शुरुआत उक्त दरोगा ने की थी।

पिछले माह एक मारपीट का एक मुकदमा कोतवाली में दर्ज हुआ था। इसी मुकदमे की विवेचना कोतवाली में ही तैनात दरोगा सुरेश चंद्र कर रहे हैं। इसी मुकदमे में अंतिम रिपोर्ट लगवाने की सिफारिश करने भाजपा नेता संजू बजाज, पार्षद सूरज माहौर, योगेश माहौर आदि शनिवार दोपहर थाने पहुंचे। दरोगा सुरेश चंद्र मेडिकल कॉलेज से आकर कोतवाली में अपनी बाइक खड़ी कर रहे थे।

इसी बीच भाजपा नेताओं व दरोगा में बातचीत शुरू हो गई। दरोगा सुरेश का आरोप है कि उन्होंने एफआर लगाने से इंकार कर दिया। कहा कि इस मामले में मेडिकल रिपोर्ट मिल गई है। ऐसे में एफआर लगाना संभव नहीं है। दरोगा का आरोप है कि इसी बात पर ये लोग बिफर गए और हमलावर हो गए। उन्होंने भागकर मुंशियाने में पहुंचकर खुद को बचाया। इस दौरान ये लोग भद्दी-भद्दी गालियां देते हुए पीछे आए मगर स्टाफ के लोगों के रोकने पर पीछे हटे। बाद में फोन कर अन्य सात-आठ लोग भी बुलाए गए। दरोगा की तहरीर पर प्रकरण में मारपीट, गाली गलौज, धमकी सरकारी कार्य में बाधा आदि धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।

पहले दरोगा ने की शुरुआत, फिर माफी भी मांगी: संजू

इस मामले में भाजपा महानगर मंत्री संजू बजाज का कहना है कि वे तो दो दिन पहले कोतवाली इलाके में महिला से छेड़खानी मामले में महिला के साथ उसके बयान दर्ज कराने सीओ प्रथम के दफ्तर में गए थे। वहां से निकलते समय उन्हें कोतवाली में ही पार्षद सूरज व योगेश मिले। उन्होंने बताया कि दरोगा सुरेंद्र उनसे अभद्रता कर रहे हैं। उन्होंने दरोगा से सूरज व योगेश के पक्ष की बात की। इसी बात पर वे उलझ गए। किसी ने साजिश रचकर सिर्फ हमारे हिस्से का वीडियो बनाया। बाकी का नहीं बनाया, जबकि दरोगा ने शुरुआत की थी। बाद में दरोगा ने कोतवाल के सामने अपनी गलती पर माफी भी मांगी थी।

अब मुकदमा दर्ज कर लिया है। इस घटना में एक बात तो साफ हो गई है कि पुलिस ने शुरुआत में मुकदमा या किसी तरह की कार्रवाई का निर्णय नहीं लिया था। जब किसी ने इस घटना का वीडियो बनाकर ट्विटर पर डीजीपी आदि अफसरों को टैग किया है, तब जाकर रात में मुकदमा दर्ज किया है।

- मारपीट के किसी मुकदमे में जबरन एफआर लगवाने का दरोगा सुरेंद्र ने विरोध किया। इसी बात पर उसके साथ कोतवाली परिसर में अभद्रता, गाली गलौज की गई। इस पर यह मुकदमा दर्ज किया गया है। तथ्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। - अशोक कुमार सिंह, सीओ प्रथम


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