अलीगढ़ ज़िले के हरदुआगंज क्षेत्र के धनीपुर ब्लॉक का गांव महमूदपुर इन दिनों गर्मी से नहीं, ट्रांसफार्मर की लगातार हो रही "बलि" से तप रहा है! गांव में अब तक तीन बार ट्रांसफार्मर बदले जा चुके हैं, लेकिन बिजली तो जैसे इस गांव से नाराज़ हो गई है। हर बार नया ट्रांसफार्मर आता है और कुछ ही दिनों में “फूं...!” — फिर वही अंधेरा, वही उमस, वही परेशानी।
गांव के लोग बोले - ये कोई ट्रांसफार्मर है या पटाखा?
गांव के बुज़ुर्ग से लेकर बच्चे तक अब बिजली की बजाय इन फुंके ट्रांसफार्मरों की गिनती करना सीख गए हैं। परेशान ग्रामीणों का कहना है, "शायद विभाग वाले कबाड़खाने से ट्रांसफार्मर उठा लाते हैं!" कुछ ने तंज कसा कि "बिजली विभाग के लोग गर्मी में नहीं, बल्कि जनता के सब्र से खेलते हैं।"
28 मई की रात को फिर हुआ अंधेरा, धर्मेंद्र ने थामा तप का रास्ता!
आखिरी बार ट्रांसफार्मर 28 मई की देर रात फुंक गया। पूरे गांव में अंधेरा छा गया और गर्मी ने लोगों को बेहाल कर दिया। इसी के विरोध में गांव के जागरूक युवा धर्मेंद्र प्रताप ने तप पर बैठने का ऐलान कर दिया। उन्होंने गांव के चौपाल पर मौन व्रत के साथ धरना शुरू किया और कहा,
> "अब जब तक सही और टिकाऊ ट्रांसफार्मर नहीं लगेगा, मैं तप नहीं तोड़ूंगा – चाहे बिजली आये या न आये!"
धर्मेंद्र के इस अनोखे विरोध ने सोशल मीडिया से लेकर स्थानीय प्रशासन तक हलचल मचा दी। गांववालों की नाराजगी और तप की गर्मी ने आखिरकार बिजली विभाग को जगा ही दिया। 1 जून की सुबह, विभाग की टीम गांव में नया ट्रांसफार्मर लेकर पहुंची।
गांववालों ने राहत की सांस ली और तप से तपे धर्मेंद्र को उठाया। उनकी तबीयत गर्मी और निर्जल तप के चलते बिगड़ गई थी, जिसके बाद उन्हें प्राथमिक उपचार दिया गया। फिलहाल वे स्वस्थ हैं।