जनपद अलीगढ़ के थाना लोधा क्षेत्र के गांव मूसेपुर में दबंगों ने दिनदहाड़े एक निर्दोष ग्रामीण पर जानलेवा हमला किया और उसके ऊपर सीधा फायर कर दिया। घटना ने अलीगढ़ पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
पीड़ित रणवीर सिंह पुत्र हुक्म सिंह, निवासी मूसेपुर, रोज़ की तरह गौशाला पर बैठे थे। तभी रास्ते में गांव के ही बच्चन,भूपेंद्र पुत्रगण वीरपाल व बादल पुत्र बच्चन और भूपेंद्र बघेल पुत्र बहोरी लान ने उन्हें रोका, गालियां दीं और विवाद करने लगे। जब रणवीर ने विरोध किया, तो हमलावरों ने पहले लाठी-डंडों और पत्थरों से हमला किया और फिर जान से मारने की नीयत से सीधा फायर कर दिया। गनीमत रही कि गोली चूक गई, नहीं तो एक और परिवार उजड़ जाता।
ग्रामीणों की मदद से रणवीर किसी तरह जान बचाकर निकले, लेकिन उन्हें गंभीर चोटें आई हैं।
गौर करने वाली बात यह है कि हमलावरों में से एक आरोपी पहले भी अवैध तमंचा लहराते हुए सोशल मीडिया पर नजर आया था, जिस पर मुकदमा तो हुआ लेकिन कार्रवाई ठंडी बस्ते में चली गई। अब उसी लापरवाही का नतीजा पूरे गांव को भुगतना पड़ा है।
📌 मगर सबसे हैरान करने वाली बात —
मिली जानकारी के अनुसार इतने गंभीर मामले में लोधा पुलिस ने आरोपियों का चालान भारतीय न्याय संहिता (BNS) की केवल तीन हल्की धाराओं में किया:
- धारा 126 – शांतिभंग की आशंका
- धारा 135 – मजिस्ट्रेट के आदेश का उल्लंघन
- धारा 170 – उपद्रव में शामिल होना
जबकि इस वारदात में स्पष्ट रूप से हत्या के प्रयास (BNS 109), आर्म्स एक्ट और गैंगस्टर एक्ट की धाराएं बनती हैं।
सवाल उठता है कि क्या गोली चलाना अब सिर्फ शांतिभंग माना जाएगा?
अब अलीगढ़ पुलिस पर सवाल है — क्या मूसेपुर में कानून चलेगा या अपराधियों का आतंक?