जिला अलीगढ़ के थाना हरदुआगंज क्षेत्र के ग्राम मई चंगेरी निवासी एक विकलांग व्यक्ति ने स्थानीय युवक और थाना पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पीड़ित रमेश चंद्र शर्मा का कहना है कि एक साल पहले उसे सरकारी आवास दिलाने के नाम पर एक लाख रुपये की ठगी की गई। जब उसने रुपये वापस मांगे तो मारपीट, धमकी और अभद्रता की घटनाओं का सिलसिला शुरू हो गया, जिसमें पुलिस की संदिग्ध भूमिका भी सामने आ रही है।
पीड़ित रमेश चंद्र शर्मा, जो जन्म से एक पैर से विकलांग हैं, टेंपो चलाकर परिवार का भरण-पोषण करते हैं। उनका आरोप है कि ग्राम निवासी प्रमोद कुमार पुत्र डिप्टी सिंह ने वर्ष 2024 में उन्हें सरकारी योजना के तहत आवास दिलवाने का झांसा देकर एक लाख रुपये ले लिए। कुछ माह तक टालमटोल के बाद जब रमेश को ठगी की आशंका हुई और उसने रुपये वापस मांगे, तो प्रमोद ने उनके साथ मारपीट की, जिसमें उनकी गर्दन के नीचे की हड्डी चोटिल हो गई।
घटना की सूचना तत्काल 112 नंबर पर दी गई, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची। पीड़ित का कहना है कि पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने के बजाय केवल मेडिकल कराकर उन्हें वापस भेज दिया। बाद में जब भी रमेश ने रुपये मांगे, प्रमोद ने उल्टा थाने में उनके विरुद्ध झूठे प्रार्थना पत्र देना शुरू कर दिए। इन्हीं पत्रों के आधार पर रमेश को दो बार जेल भी जाना पड़ा।
पीड़ित का आरोप है कि थाना हरदुआगंज के दरोगा किशनपाल सिंह ने भी उनसे कई बार न्याय दिलाने का आश्वासन देकर 4–5 हजार रुपये लिए, लेकिन कार्रवाई नहीं की। आरोप यह भी है कि थाने की टीम कई बार घर आकर दंपत्ति से दबाव बनाकर कागज़ों पर जबरन हस्ताक्षर करवाती है।
ताजा मामला 10 जून 2025 की रात का है, जब प्रमोद एक अज्ञात व्यक्ति के साथ रमेश के घर में घुस आया और गाली-गलौज करने लगा। रमेश की पत्नी ने विरोध किया तो उसके साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया और धमकी दी गई कि "इस लंगड़े को मरवा दूंगा, फिर तुझे अपने पास रख लूंगा।"
रमेश चंद्र शर्मा का कहना है कि इस पूरे मामले की कई बार वरिष्ठ अधिकारियों को लिखित शिकायत की गई, लेकिन हर बार उन्हें गुमराह कर टाल दिया गया। वर्तमान में रमेश और उनका परिवार असुरक्षा और आर्थिक तंगी के बीच जीवन जीने को मजबूर हैं।
क्या कहते हैं जानकार
वरिष्ठ अधिवक्ता त्रिवेंद्र कुमार शर्मा के अनुसार यदि शिकायतकर्ता विकलांग है और उस पर इस तरह का हमला या ठगी हुई है, तो पुलिस को तुरंत संज्ञेय अपराध के तहत एफआईआर दर्ज करनी चाहिए थी। पीड़ित की शारीरिक स्थिति और धमकी की गंभीरता को देखते हुए यह मामला बीएनएस की कई धाराओं में कार्रवाई योग्य है।
पीड़ित की मांग
रमेश चंद्र शर्मा ने मांग की है कि उनके साथ हुई ठगी, मारपीट और धमकी के मामले में निष्पक्ष जांच हो, उन्हें सुरक्षा प्रदान की जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।