अलीगढ़।
किसानों की फसलों को बचाने के लिए बनाए गए मंडी चबूतरों और टिन शेडों पर व्यापारियों द्वारा लंबे समय से किए गए अतिक्रमण को लेकर किसान मजदूर संगठन ने अब आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है। बुधवार को संगठन के राष्ट्रीय सचिव डॉ. शैलेन्द्र पाल सिंह के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मंडी उप निदेशक अलीगढ़ मंडल एवं मंडी सचिव अलीगढ़ से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में स्पष्ट कहा गया कि यदि अगले 7 दिनों में चबूतरों से अतिक्रमण नहीं हटाया गया तो संगठन को आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा। संगठन के पदाधिकारियों ने कहा कि इन चबूतरों पर व्यापारी कब्जा जमाए बैठे हैं, जिससे किसानों की फसल खुले में भीग रही है और उन्हें भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।
जिला अध्यक्ष बंटी जादौन ने बताया कि पिछले वर्ष हरदुआगंज मंडी में भी इस मुद्दे को लेकर आंदोलन किया गया था और मंडी प्रशासन को प्रार्थना पत्र सौंपा गया था, लेकिन एक वर्ष बीतने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इस वर्ष भी हालात जस के तस हैं और किसान की मेहनत की फसल बारिश में नष्ट हो रही है।
तहसील अध्यक्ष देवराज सिंह ने मंडी प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि मंडियों के चबूतरों पर व्यापारियों ने पूरी तरह से कब्जा कर रखा है, और प्रशासन आंखें मूंदे बैठा है। इससे किसानों को करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि यह किसान विरोधी रवैया अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
पुराना घोटाला, नई पोस्टिंग – किसानों के हिस्से में फिर विडंबना
गौरतलब है कि जुलाई 2024 में हरदुआगंज मंडी प्रभारी रही जयश्री पर किसानों के लिए बनाए गए चबूतरों को नियमविरुद्ध ढंग से व्यापारियों को बेचने के गंभीर आरोप लगे थे। आरोप है कि जयश्री ने मंडी परिसर में जाल लगवाकर दर्जनों दुकानें बनवा दीं और लाखों रुपये की रिश्वत लेकर चबूतरे आवंटित कर दिए।
26 अगस्त 2024 को डॉ. शैलेन्द्रपाल सिंह के नेतृत्व में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) ने हरदुआगंज मंडी में जोरदार धरना प्रदर्शन किया, जिसके बाद मंडी प्रभारी जयश्री को हटा दिया गया था। लेकिन उसके बाद भी एक भी चबूतरा खाली नहीं कराया गया, केवल नोटिसों की खानापूरी होती रही।
विडंबना देखिए कि आज वही जयश्री धनीपुर मंडी की सचिव पद पर तैनात हैं। और किसान संगठनों को एक बार फिर उन्हीं से चबूतरों को खाली कराने की उम्मीद है। जिन पर बेचने का आरोप है, उन्हीं से खाली कराने की अपेक्षा – ये किसानों की नहीं, सिस्टम की मजबूरी है!
इस मौके पर जितेन्द्र कुमार सिंह, राहुल सिंह, बलराम सिंह, नागेन्द्र सिंह, कैलाश सिंह राघव सहित कई पदाधिकारी और किसान मौजूद रहे। सभी ने एक सुर में चेतावनी दी कि यदि मांगें पूरी नहीं हुईं तो आंदोलन तेज किया जाएगा।