पुलिस की लापरवाही से उठे सवाल, घायल को परिजन रिक्शे से ले गए अस्पताल
अलीगढ़।
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में गुरुवार रात एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। पत्नी पर शक में एक व्यक्ति ने खुद पर चाकू से हमला कर लिया। गला काटने की सूचना पर परिजन और पड़ोसी स्तब्ध रह गए। आनन-फानन में घायल को इलाज के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया।
यह मामला बन्नादेवी थाना क्षेत्र के बरौला जाफराबाद का है, जहां लक्ष्मी नाम की महिला अपने पति और बच्चों के साथ रहती है। दंपत्ति मजदूरी करके अपना गुजर-बसर करते हैं।
पत्नी ने बताया — देर से लौटने पर होता था झगड़ा
लक्ष्मी ने बताया कि वह मजदूरी के अलावा मेले में छोटी-मोटी चीजें बेचती हैं, जिस वजह से अक्सर रात में देर से घर लौटती हैं। इसी बात को लेकर उनके पति अक्सर नाराज रहते थे और झगड़े की नौबत भी आ जाती थी।
गुरुवार को लक्ष्मी मेला निपटाने के बाद सीधे अपने भाई के घर चली गईं, जो वाटर वर्क्स के पास रहता है। वहां उनकी मां और भाभी मौजूद थीं, जबकि भाई शादी समारोह में गया हुआ था।
बेटी के मुंह से सुनी खौफनाक खबर
थोड़ी देर बाद उनकी बेटी वहां पहुंची और रोते हुए बताया कि "पापा ने गले में चाकू मार ली है, बहुत खून बह रहा है।" यह सुनते ही लक्ष्मी बदहवास होकर बेटी के साथ घर पहुंचीं। घायल हालत में पति को लेकर वह बन्नादेवी थाना गईं।
लक्ष्मी का आरोप है कि पुलिस ने महिला पुलिसकर्मी की अनुपस्थिति का हवाला देकर 112 पर फोन करने की सलाह दी। उन्होंने कंट्रोल रूम कॉल किया और जैसे ही थाने के बाहर पहुंचीं, पुलिस की गाड़ी भी मौके पर आ गई।
एम्बुलेंस नहीं, रिक्शे से पहुंचे अस्पताल
लक्ष्मी का कहना है कि पुलिस की गाड़ी उन्हें अस्पताल ले जाने के बजाय थाने छोड़कर चली गई। मजबूरी में उन्होंने एक रिक्शा किया और खुद ही पति को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे।
जिला अस्पताल में मिला प्राथमिक उपचार
डॉ. कासिम (ईएमओ) ने बताया कि घायल को देर रात अस्पताल लाया गया, जहां उसकी गर्दन की चोट का इलाज किया गया। हालत फिलहाल स्थिर बताई जा रही है।
परिजन बोले – समय रहते मदद मिलती तो खून ज्यादा न बहता
घटना के बाद परिजन खासे गुस्से में हैं। उनका कहना है कि अगर पुलिस थोड़ी तत्परता दिखाती तो मरीज को वक्त पर इलाज मिल पाता और जान का खतरा और भी कम हो सकता था।