अलीगढ़ के गोधा के खेड़ा बुजुर्ग में मिट्टी खनन माफिया ने तो कमाल ही कर दिया! गाटा संख्या 191 से 8878 घनमीटर मिट्टी खोदने की परमिशन मिली थी, लेकिन ये महानुभाव सरकारी नियमों को ठेंगा दिखाते हुए जेसीबी और डंपरों के साथ खेत खोदने लग गए। नियम कहते हैं, फावड़े से मिट्टी खोदो, गहराई नियमानुसार रखो, खेत के किनारे छोड़ो, और वाहनों का ब्यौरा पोर्टल पर दर्ज करो। मगर खनन माफिया के लिए तो ये सब बेकार की कागजी कार्रवाई" है। उनका तो सीधा फंडा है सेटिंग करो, और उपजाऊ खेत मन चाहे जितनी गहराई तक खोदो...
बुधवार को तो हद ही हो गई, जब रामघाट रोड पर मिट्टी लदे डंपर हरदुआगंज थाना, साधुआश्रम, तालानगरी और मॉल चौकी को "हाय-हैलो" करते हुए महुआखेड़ा तक पहुंच गए। महुआखेड़ा पुलिस ने डंपर सीज किया, लेकिन माफिया ने गुरुवार को फिर दर्जनों डंपरों के साथ खेत को "खोदो और उजाड़ो" मिशन शुरू कर दिया।
रामघाट रोड पर कांवड़ियों के जत्थे जल लेकर भोलेनाथ की भक्ति में लीन हैं, और ये बेतरतीब डंपर उनकी जान को जोखिम में डाल सकते हैं। पुलिस कहती है, "जिला खनन अधिकारी चलवा रहे हैं," और खनन अधिकारी? उनका फोन तो स्विच्ड ऑफ है, ऐसे में भगवान शंकर भक्तों की रक्षा करें। क्योंकि माफिया और "नंबर बंद" अधिकारियों से तो कोई उम्मीद नहीं।