अलीगढ़ में विधवा की ज़मीन पर कब्जा! दबंग बोला – 'बड़े अफसर मेरे पैर पड़ते हैं, बेटा बोला बंदूक लाइसेंसी है जहां चाहें वहां लहराऊं



उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में एक विधवा महिला को अपनी ही खरीदी हुई जमीन पर हक पाने के लिए गिड़गिड़ाना पड़ रहा है। महिला की हालत यह है कि वह अधिकारियों और नेताओं के दरवाज़े पीट-पीट कर थक चुकी है, मगर दबंग की ‘राजनीतिक पहुंच’ और ‘खाकी से सांठगांठ’ के सामने उसकी आवाज़ बेअसर साबित हो रही है।

मूल रूप से अतरौली तहसील के गांव बहोना कोटरा निवासी पुष्पा शर्मा, एक वृद्ध और विधवा महिला हैं। उनके पति स्व. सुरेश चंद्र शर्मा ने बुढ़ापे में चैन की ज़िंदगी के लिए अलीगढ़ शहर के क्वार्सी थाना क्षेत्र, रामघाट रोड, उमराव वाटिका के सामने एक प्लॉट खरीदा था। लेकिन अब वह प्लॉट उनके लिए अभिशाप बन चुका है।

दबंगई की हदें पार:
पीड़िता का आरोप है कि रंजीत चौधरी नाम का व्यक्ति उस प्लॉट पर जबरन कब्जा करके बैठ गया है। जब महिला ने विरोध किया, तो रंजीत ने खुलेआम कहा –

> "मेरे बड़े-बड़े नेताओं और अफसरों से सीधे ताल्लुक हैं, तुझ जैसी औरतें तो मेरे कॉलेज में आया का काम करती हैं!"

महिला के मुताबिक, रंजीत खुद को खैर थाना क्षेत्र स्थित एक प्रतिष्ठित कॉलेज का मालिक बताता है और डींगें मारता है कि –

> "बड़े-बड़े अधिकारी मेरे कॉलेज आकर मेरे पैर छूते हैं!"

पुलिस के सामने बेटा बोला – "बंदूक है, जहां चाहूं ले जाऊं"
महिला ने सनसनीखेज आरोप लगाया कि रंजीत का बेटा भी गुंडई में पीछे नहीं है। एक मौके पर जब पुलिस आई, तो उसके बेटे ने पुलिस वालों के सामने ही कहा –

> "मेरे पास लाइसेंसी बंदूक है, जहां चाहूं वहां घूमूं, कोई मुझे नहीं रोक सकता!"

शिकायतों का ढेर, कार्रवाई ज़ीरो:
पुष्पा शर्मा ने तहसील समाधान दिवस, जिलाधिकारी कार्यालय, पुलिस थाने, मंडलायुक्त तक हर जगह गुहार लगाई, मगर अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई। पीड़िता का कहना है कि हल्का लेखपाल और स्थानीय पुलिसकर्मी भी रंजीत चौधरी का पक्ष लेते हैं।

प्रशासन की चुप्पी पर सवाल:
एक विधवा, असहाय महिला बार-बार रोते हुए गुहार लगा रही है, परंतु न प्रशासन सुन रहा है, न पुलिस। ऐसे में सवाल उठता है – क्या अब संपत्ति खरीदना भी गुनाह हो गया है? क्या विधवा और बुज़ुर्गों के लिए कोई न्याय व्यवस्था बची है?

जनप्रतिनिधियों से अपील:
पुष्पा शर्मा ने सांसद श्री सतीश गौतम से विशेष तौर पर प्रार्थना की है कि वे मामले की गंभीरता को समझते हुए जिला प्रशासन को सख्त निर्देश दें कि

1. प्लॉट से अवैध कब्जा तत्काल हटाया जाए।

2. रंजीत चौधरी व उसके बेटे के खिलाफ IPC की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ़्तार किया जाए।

3. ऐसे मामलों में प्रशासन की निष्क्रियता की जांच हो।

"विधवा का नहीं कोई सहारा – क्या यही है महिला सशक्तिकरण का सच?"

👉 क्या प्रशासन अब भी चुप रहेगा?
👉 क्या रंजीत की धमकियां ही न्याय पर भारी पड़ेंगी?
👉 और क्या एक विधवा को उसकी खरीदी हुई ज़मीन वापस मिल पाएगी?

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