गाजियाबाद। यशोदा हॉस्पिटल में दो साल के मासूम ने जीती कैंसर से जंग : बच्चे को थी ऐसी बीमारी जिसके 104 साल में दुनिया में सिर्फ 500 केस, गाजियाबाद में हुआ ऑपरेशन

 

यशोदा हॉस्पिटल में ऑपरेशन के बारें में जानकारी देते डॉक्टर्स।

ब्यूरो प्रमुख डेस्क, समाचार दर्पण लाइव

गाजियाबाद के यशोदा अस्पताल नेहरू नगर में डॉक्टरों की टीम ने दो माह के बच्चे की सर्जरी कर उसकी जान बचाई है। बच्चा दुर्लभ प्रकार के कैंसर से पीड़ित था जो अब पूरी तरह स्वस्थ है। कैंसर की सर्जरी करके बच्चे की जान बचाई है। इस ऑपरेशन में जो डॉक्टरों की टीम शामिल थी। वे एक्स आर्मी मैन रहे हैं, वे सभी आर्मी में कार्य कर चुके हैं, इस ऑपरेशन को भी उन्होंने एक आर्मी मिशन की तरह देखा।

आगरा के दो साल के मासूम बच्चे का गाजियाबाद के यशोदा हॉस्पिटल में कैंसर का सफल ऑपरेशन हुआ है। उसे Melatonic Neuro-cctodermal rumour of infancy नामक बीमारी थी, जो विश्व की दुर्लभ बीमारियों में से एक है। डॉक्टरों का दावा है कि पिछले 104 साल में इस दुर्लभ बीमारी के विश्व में कुल 500 केस ही अब तक सामने आए हैं। इस बीमारी में कैंसर बहुत तेजी से शरीर में फैलता है। यदि इलाज में थोड़ी भी देरी हो जाए तो इस बीमारी को ऑपरेशन से भी ठीक नहीं किया जा सकता।

जबड़े में था ट्यूमर, बायोप्सी जांच में पता चला कैंसर

आगरा निवासी इस बच्चे के पिता यूपी पुलिस में कार्यरत हैं। 11 अप्रैल को वह बच्चे के जबड़े का ट्यूमर लेकर यशोदा हॉस्पिटल गाजियाबाद में आए थे। यहां सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉक्टर एके त्यागी ने बच्चे की वायोप्सी कराई। इसमें उसको कैंसर की दुर्लभ बीमारी होने की जानकारी सामने आई। रिपोर्ट आते ही तुरंत एक ट्यूमर बोर्ड का गठन किया गया।

इसमें डॉक्टर एके त्यागी, डॉ. N चक्रवर्ती, डॉ. बीएन कपूर, डॉ. परवाज आलम, डॉ. अजय मालिक, डॉ. नवदीप सेठी व डॉ. सचिन दुबे शामिल किए गए। इस बोर्ड ने यह फैसला लिया कि बच्चे के जबड़े का वो हिस्सा जो कैंसर से प्रभावित है, उसे आपरेशन से निकाला जाएगा।

पांच घंटे चली सर्जरी, पसली से लगाया जबड़े का नया टुकड़ा

इस सर्जरी के बाद दूसरा बड़ा चैलेंज बच्चे के निकाले हुए जबड़े का फिर से निर्माण करना था, ताकि वह सामान्य जिंदगी फिर से जी सके। डॉक्टर परचाल आलम ने Autologous Costocondrial Reconstruction यानि पसली से नए जबड़े का निर्माण किया। डॉक्टर नवदीप सेठी ने बेहद कम उम्र के बच्चे को बेहद सावधानी से एनेस्थेसिया दिया। करीब पांच घंटे तक यह जटिल सर्जरी चली।

ऑपरेशन के बाद पोस्ट ऑपरेटिव केयर के लिए बच्चे को PICU में पांच दिन रखा गया। पांचवें दिन बच्चा दूध पीने की स्थिति में आ गया। अब बच्चा पूरी तरह ठीक है। यशोदा अस्पताल के प्रबंध निदेशक डॉ. रजत अरोरा ने पूरी टीम को इस जटिल कैंसर सर्जरी की सफलता पर बधाई दी।


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