अलीगढ़ में वकील ने की भाजपा के मेयर प्रत्याशी का नामांकन रद्द करने की मांग, निर्वाचन आयोग से की शिकायत, कहा- तथ्यों को छिपाकर नामांकन किया

निखिल शर्मा

अलीगढ़ में एडवोकेट और बार एसोसिएशन के पूर्व महामंत्री ने राज्य निर्वाचन आयोग से शिकायत की है। उन्होंने मेयर प्रत्याशी का नामांकन रद्द करने की मांग की। उन्होंने कहा कि वह टॉप-10 भू-माफियाओं में शामिल हैं। उन्होंने तथ्यों को छिपाकर नामांकन किया है।

एडवोकेट अनूप कौशिक ने बताया कि प्रशांत ने नगर निगम के तालाब ही कब्जाए थे। इसके बाद भी नगर निगम ने मेयर जैसे महत्वपूर्ण पद के लिए उन्हें NOC दे दी, जो कि गलत है।

हाईकोर्ट में चल रहा है मामले का रिव्यू

एडवोकेट अनूप कौशिक ने बताया कि शहर के कुछ भू माफियाओं ने नगर निगम के 29 बीघा 16 बिस्वा भूखंड पर कब्जा कर लिया था। इसमें प्लाटिंग करके आरोपियों ने 150 लोगों को फर्जी तरीके से रजिस्ट्री भी करा दी। जिसके बाद 2017 में आरोपियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज हुए थे।

उन्होंने बताया कि इसमें भाजपा प्रत्याशी प्रशांत सिंघल का भी नाम था। लेकिन बाद में इस मामले में एफआर लग गई थी। जिसके बाद यह मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है। उन्होंने बताया कि भाजपा प्रत्याशी ने इन तथ्यों को छिपाकर नामांकन कराया है और नगर निगम ने भी उन्हें NOC दे दी है। जो कि गलत है। इसीलिए उन्होंने चुनाव आयोग को शिकायत की है।

एडवोकेट अनूप कौशिक ने बताया कि तथ्यों को
छिपाकर नामांकन किया गया है।

प्रशांत बोले, कोर्ट ने बाइज्जत बरी किया है

एडवोकेट अनूप कौशिक ने कहा कि नगर निगम ने जो उन्हें NOC दी है। वह पूरी तरह से गलत है। मामला हाईकोर्ट में है, प्रशांत ने अपने नामांकन पत्र में इन चीजों को नहीं दर्शाया है। इसलिए उनका नामांकन रद्द किया जाना चाहिए।

वहीं दूसरी ओर मेयर प्रत्याशी प्रशांत सिंघल ने कहा कि उनके ऊपर गलत तरीके से आरोप लगे थे। जिसके बाद उन्हें निर्दोष पाया गया। न्यायालय ने भी उन्हें बा-इज्जत बरी कर दिया था। इसलिए वह पूरी तरह से चुनाव लड़ने के लिए पात्र हैं। जो भी आरोप उनके ऊपर लग रहे हैं, वह निराधार साबित होंगे।

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