अलीगढ | कलाई में कोटेदार पर वितरण में गड़बड़ी का आरोप, जांच के दौरान हंगामा



अलीगढ़ हरदुआगंज थाने की साधू-आश्रम चौकी क्षेत्र के गांव कलाई में प्रधान द्वारा कोटा वितरण में धांधली की शिकायत पर मंगलवार को जांच करने पहुंची आपूर्ति विभाग की टीम के सामने ही प्रधानपति व कोटेदार पक्ष के लोग एक दूसरे पर पक्षपात का आरोप लगाकर हंगामा करने लगे। हंगामा बढ़ने पर टीम बिना जांच के लौट गई, जो अब गुरुवार को दोबारा आएगी। 

प्रधानपति ने कोटेदार पक्ष के खिलाफ तहरीर दी है। वहीं गांव की एक कार्डधारक महिला ने प्रधानपति व उसके भाइयों पर अभद्रता का आरोप लगाते हुए तहरीर दी है।

गांव कलाई के दोनों पैरों से दिव्यांग कौशलेंद्र कई सालों से कोटेदार है, पिछले दिनों कोटेदार कौशलेंद्र व प्रधानपति में किसी बात को लेकर खींचतान होने पर दोनों ओर से एक दूसरे के विरुद्ध शिकायतों का सिलसिला चल निकला। 

पिछले दिनों कोटेदार ने प्रधान पर मनरेगा में धांधली का आरोप लगाते हुए लोकपाल तक शिकायत की थी। जिसकी जांच जारी है। 

 वहीं बदले में प्रधान ने भी कोटेदार पर राशन की कालाबाजारी का आरोप लगाते हुए जिला आपूर्ति अधिकारी से शिकायत कर दी जिसपर मंगलवार को आपूर्ति निरीक्षक धनीपुर रामदेव यादव टीम के जांच करने पहुंचे थे, जो गांव के पैंठ स्थल पर खुली बैठक में कार्डधाराकों के बयान दर्ज कर रहे थे।

वहां  प्रधानपति सतेंद्र भाइयों संग मौजूद था। कोटेदार व उसके परिवारी भी थे। टीम कार्डधारक महिलाओं को बुलाकर सार्वजनिकरूप से बयान दर्ज कर रही थी। इसी बीच वहां  वाद-विवाद शुरू हो गया। कोटेदार का आरोप है कि बयान दर्ज करा रही महिलाओं को गंदी गली देकर प्रधानपति धमका रहा था। वहीं प्रधान पति ने कोटेदार पक्ष पर मारपीट का आरोप लगया 

विचारणीय होनी चाहिए कार्डधारक महिला की तहरीर 

प्रधान व कोटेदार के इस शह मात के खेल में कलाई की 55 वर्षीय वृद्धा मालती देवी पत्नी जीतपाल सिंह ने थाने में दी तहरीर दी। जिसमे बताया कि अधिकारी उससे कोटा वितरण की पूछ रहे थे। उसने हर माह पूरा राशन मिलने का सही बयान दर्ज कराया। आरोप है कि ये सुनते ही प्रधानपति ने उसे गंदी गाली दी।  विरोध किया तो प्रधानपति उससे भाई मारपीट पर उतारू हो गए। जिसे मौजूद लोगों ने बताया।  वाद-विवाद का वीडियो भी सामने आया है।

 खुली बैठक की जांच में पक्षपात कैसा, फिर शिकायत के रास्ते खुले हैं

गुटबंदी की खूनी रंजिश के लिए मशहूर गांव कलाई में अब पंचायत चुनाव नजदीक आने के साथ शह मात का खेल शुरू हुआ है। कोटे की जांच में हंगामा इसी क्रम में दबदबे के बल पर आवाज दबाने की घटना है। क्योंकि कोटेदार पर राशन वितरण धांधली का आरोप ग्राम प्रधान ने लगाया है। मंगलवार को पहुंची जांच टीम पहले कोटे की दुकान पर ही जांच करना चाहती थी। वहीं प्रधानपति चाहते थे कि टीम कलाई बंबा की पटरी पर उनकी खाद्य-बीज की दुकान पर बैठकर जांच करे। वहीं ओर की खींचतान से बचने को टीम ने गांव के पैठ स्थल को चुना और खुली बैठक में कार्डधारकों के बयान दर्ज कर जांच करने लगी। 

अब अहम सवाल ये है कि आम सभा में कार्डधारकों के बयान दर्ज करने में पक्षपात कैसा। वहां प्रधान व कोटेदार दोनों के परिवारी मौजूद थे, यदि किसी को आपत्ति थी तो वह वीडियोग्राफी कर पुनः शिकायत की जा सकती थी। यहां आवाज दबाने की दबंगई साफ देखी जा सकती है। कहीं बड़ी क्राइम मिस्ट्री वाले गांव कलाई में ये दबंगई बड़ी रंजिश को जन्म ना दे दे।

प्रधान पक्ष को बेख़ौफ़ कर रही  पुलिस

गांव कलाई में प्रधानपति व खाद्य बीज विक्रेता भाईयों की दुकान कम...पुलिस अड्डा ज्यादा है। पुलिस की मनमानी का सेफ पोइंट बना अड्डा ग्रामीणों को खूब अखर रहा है। 

गांव वालों की मानें तो प्रधान पक्ष को गांव पर हावी होने में पुलिस की बड़ी भूमिका है। जब भी प्रधानपक्ष की कोई शिकायत होती है तो पुलिस शिकायतकर्ता को ही धमकाती दिखती है, और गांव से किसी मामले की कोई शिकायत थाने जाती तो पीड़ित के पास जाने के बजाय प्रधान की दुकान ही पीड़ित को बुलाकर जांच करती है। जहां प्रधानपति व उसका भाई जांच को मनचाहा मोड़ देकर खेल करने में पुलिस के मददगार होते हैं। प्रधानपति व उसके भाई की दबंगई को पोषित करने में पुलिस(चौकी इंचार्ज मोहर सिंह) की भूमिका सबसे अहम मानी जा रही है। इसे लेकर ग्रामीण भारी गुस्से में हैं। पुलिस के एक पक्षीय झुकाव और छूट से बढ़ रही गुटबंदी कहीं कलाई में बड़ी खूनी रंजिश ना पैदा कर दे।

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